मुफ्त योजनाः सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को फटकार
प्रधान न्यायाधीश ने कहा- मसला गंभीर है, कुछ लोग सीरियस नहीं, सरकार में आने के लिए अवैध को वैध कर देती हैं राजनीतिक पार्टियां
नई दिल्लीः चुनाव में फ्री स्कीम्स (मुफ्त योजना) के वादों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने आयोग से पूछा कि आपने हलफनामा कब दाखिल किया? रात में हमें तो मिला ही नहीं, सुबह अखबार देखकर पता चला।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की बेंच ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने एक वाकया सुनाया। उन्होंने कहा कि मेरे ससुर किसान हैं और जहां वे रहते हैं, वहां सरकार ने बिजली कनेक्शन देने पर रोक लगा दी थी। इस पर उन्होंने मुझसे पूछा भी कि इसके खिलाफ याचिका दाखिल की जा सकती है? लेकिन कुछ महीने बाद सरकार ने ऐलान किया कि जिनके पास बिजली का अवैध कनेक्शन है, उन सबका कनेक्शन अब से वैध हो जाएगा। बताइए, ये किस तरह का वेलफेयर स्कीम (कल्याण योजना) है? जो लोग कनेक्शन के लिए इंतजार कर रहे थे, उन लोगों को छोड़ दिया गया। हम क्या संदेश दे रहे हैं? अवैध काम करने वालों को फायदा हो रहा है। मैं अपने ससुर को कोई जवाब नहीं दे सका।
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल कोर्ट सलाहकार और अभिषेक मनु सिंघवी आप (आम आदमी पार्टी) की ओर से पेश हुए। कोर्ट ने आम बादमी पार्टी को भी पक्षकार बना लिया है। मामले पर अगली सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी।