नोएडा में खराब हो रही है हवा की गुणवत्ता, छाने लगा है स्मॉग, ग्रैप-2 लागू होने पर नहीं सुधर रहे हालात
नोएडा/ग्रेटर नोएडा ( फेडरल भारत न्यूज) : दिवाली से पहले स्मार्ट सिटी ग्रेटर नोएडा और नोएडा में दम घोंटने लगी है। सुबह व शाम क वक्त दोनों शहरों में स्मॉग की परत छा जाती है। इससे लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं हो रही हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआइ) तीन सौ के पार पहुंच चुका है। नोएडा में फिलहाल ग्रैप का प्रथम स्तर ही लागू है। प्रदूषण की जांच के लिए प्राधिकरण ने टीमों का गठन किया है। अब तक 56 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है। फिर भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
नोएडा में ग्रैप-2 लागू
प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता खराब होने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने नोएडा समेत एनसीआर के शहरों में दूसरी श्रेणी के यानी ग्रैप 2 को लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत नोएडा-एनसीआर में डीजी सेट के संचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्कर्ष शर्मा का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन नोएडा-ग्रेनो के किसी भी सेक्टर या सोसायटी में डीजी सेट के इस नियम का पालन हो पाना संभव नहीं है। यहां की अधिकांश सोसायटियों में डीजल जनरेटर को सीएनजी और पीएनजी में कन्वर्ट नहीं कराया गया है। यह स्थिति बनी रहती है तो दीवाली पर हालात और गंभीर हो सकते हैं।
ग्रेनो वेस्ट में नियमों का पालन नहीं
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर एक में जैसे ग्रैप-2 के लागू होने का कोई असर नहीं है। एटीएस चौक से बिसरख, जलपुर, सूरजपुर और हल्द्वानी को जाने वाली सड़क पर कई मिक्सर प्लांट ऑन रोड हैं। जहां लगभग पूरे दिन बड़े-बड़े ट्रकों में निर्माण सामग्री ढोई जा रही है। सड़क के दोनों ओर साइड वर्ज से टायरों के नीचे आने से दिनभर मिट्टी और धुल का गुबार छाया रहता है, जो प्रदूषण की एक बड़ी वजह बना हुआ है। इसी मार्ग पर इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप के पास लगे मिक्सर प्लांट से मिट्टी सड़क पर उड़ती रहती है। इसी तरह सेक्टर एक में ग्रैप के नियमों की परवाह नहीं करते हुए एटीएस का सोसाइटी में निर्माण कार्य निर्बाध ढंग से चल रहा है। सोसाइटी के सामने की रोड,जो बिसरख से जोड़ती है पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। इस रोड पर एटीएस (ATS DESTINAIRE), अंतरिक्ष गोल्फ लिंक, एसीई डिविनो और विहान ग्रीन स्थित है। हजारों वाहन इस रोड से बड़े-बड़े गड्ढों से धूल उड़ाते हुए प्रतिदिन गुजरते हैं। यह इलाका ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सर्किल-3 में आता है। लेकिन प्राधिकरण का कोई अफसर यहां नहीं झांकता।
पराली जलाने का असर
भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, बुधवार को उत्तर भारत में पराली जलाने की 600 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। ऐसे में नोएडा दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 11.16 फीसदी रही। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में खुले में कूड़ा जलने से होने वाले धुआं 1.267 फीसदी रहा, जबकि यातायात से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 13.555 फीसदी रही।
प्राधिकरण की टीमें सक्रिय, लेकिन बेअसर
कुछ सेक्टरों को छोड़कर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अधिकांश सेक्टरों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। प्राधिकरण की टीमें सिर्फ पहले से साफ-सुथरे सेक्टरों में सुबह-शाम पानी का छिड़काव करा रही हैं। सेक्टर 115, 116, 78, 76, 77, सेक्टर 113, 80, सेक्टर 75 में नियमित पानी की छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर एक में कोई टीम नजर नहीं आती। ईको विलेज वन सोसाइटी के चारों और सड़क पर धुल का गुबार छाया रहता है।