बड़ी कार्रवाईः एसडीएस ग्रुप की टाउनशिप का आवंटन रद, रकम जब्त
साढ़े चार महीनों में नौ बिल्डरों को आबंटित भूमि विभिन्न खामियों के कारण रद की गई
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। उसने डिफॉल्टर चल रहे एसडीएस ग्रुप की टाउनशिप का आवंटन रद्द कर दिया। बिल्डर की ओर से पहले प्राधिकरण में जमा की गई धनराशि भी जब्त कर ली गई है। आपको बता दें कि इससे पहले भी यमुना विकास प्राधिकरण ने एसडीएस ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई की थी। वहीं, अप्रैल से लेकर अब तक आठ बिल्डरों के आवंटन रद किए जा चुके हैं। यमुना विकास प्राधिकरण के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
क्या है मामला
प्राधिकरण के अधिकारी बताते हैं कि 16 अगस्त 2011 को एसडीएस ग्रुप के नाम सेक्टर-26ए में 33 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया था। इस पर एसडीएस ग्रुप को एक टाउनशिप विकासित करना था। बिल्डर ने अब तक नक्शे पास नहीं करवाए हैं। इस परियोजना पर काम भी शुरू नहीं किया गया है। इसके अलावा बिल्डर की ओर से प्राधिकरण को जमीन का बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया जा रहा था। अब तक एसडीएस ग्रुप पर 233 करोड़ रुपये बकाया हो चुका था। पिछले 11 वर्षों के दौरान इस परियोजना में कोई प्रगति नहीं हुई है। परियोजना में काम करने और बकाया पैसा जमा करने के लिए बिल्डर को लगातार नोटिस भेजे जा रहे थे। बिल्डर की ओर से नोटिस का जवाब भी नहीं दिया गया। लिहाजा, शुक्रवार को आवंटन रद्द कर दिया गया है। बिल्डर की ओर से जमा की गई 18 करोड़ रुपये धनराशि जब्त कर ली गई है।
साढ़े चार माह में नौ बिल्डरों का आबंटन रद
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अप्रैल महीने से लेकर अब तक करीब साढ़े चार महीनों में नौ बिल्डरों के खिलाफ आवंटन रद करने की कार्रवाई की है। एसडीएस ग्रुप इस श्रृंखला में नौवां बिल्डर बन गया है।
इनके आबंटन रद हुए
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक यूजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, त्रिवैली प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, सनव्हाइट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, प्रथम रियलवेंचर प्राइवेट लिमिटेड, ग्रोथ इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, अजनारा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, सिल्वरलाइन फर्निशिंग एंड फर्नीचर प्राइवेट लिमिटेड और एसडीएस हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड के भूमि आवंटन रद किए गए हैं। इन सारे बिल्डरों को यमुना अथॉरिटी ने सेक्टर-22डी, सेक्टर-18 और सेक्टर-26ए में भूमि आवंटन किए गए थे।