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बड़ा बदलावः अटल पेंशन योजना में अब कर दाता नहीं हो सकेंगे शामिल

पहली अक्टूबर से इस योजना के पात्र नहीं रह जाएंगे आयकर दाता, पता चलने पर खाता बंद कर राशि वापस कर दी जाएगी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अटल पेंशन योजना में बड़ा बदलाव किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार पहली अक्टूबर 2022 से आयकर चुकाने वाला व्यक्ति इस योजना में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होगा। यह योजना मोदी सरकार ने 2015 में शुरू की थी। मुख्य रूप से यह योजना असंगठित क्षेत्र के लोगों पर केंद्रित है।

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई ग्राहक पहली अक्टूबर या उसके बाद इस योजना से जुड़ेगा और बाद में वह आयकर दाता पाया जाता है तो उसका अटल पेंशन खाता खाता बंद कर दिया जाएगा और तब तक की जमा पेंशन राशि सब्सक्राइबर को वापस कर दी जाएगी। अटल पेंशन योयना उन लोगों को वित्तीय सुरक्षा (फाइनेंशियल कवरेज) देती है जो रिटायरमेंट के बाद अपनी आय को लेकर अनिश्चित हैं।

क्या है अटल पेंशन योजना

मोदी सरकार ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की शुरुआत गैर-संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के मकसद से की थी। एक जून 2015 को शुरू की गई इस योजना के तहत हर एक उपभोक्ता को हर महीने एक हज़ार रुपये से 5000 रुपये तक की पेंशन देने का प्रावधान है। यह पेंशन 60 साल की उम्र होने के बाद दी जाती है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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