कैग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, यमुना प्राधिकरण ने बिना सरकार की अनुमति के भूउपयोग बदला, भूखंड किए आवंटित
यीडा ने उच्च मूल्य पर जमीन खरीदी, जिससे 188.64 करोड़ का हुआ नुकसान
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लखनऊ (FBNews) : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा ने उप्र सरकार की अनुमति के बिना ही भूउपयोग बदलकर भूखंड आवंटित कर दिए। साथ ही एनसीआरपीबी के अनुमोदन के बिना ही अपनी महायोजना 2031 के पहले चरण पर अमल शुरू कर दिया। यीडा ने यह जमीन सरकारी व निजी स्तर पर उच्च मूल्य पर अधिग्रहीत की, जिससे उसे 128 करोड़ रुपये अधिक खर्च करना पड़ा। इसके अलावा भूमि खरीदने में देरी के कारण उसे 188. 64 करोड़ का नुकसान भी हुआ।
सरकार ने विधानसभा के पटल पर रखी सीएजी रिपोर्ट
यह खुलासा गुरुवार को उप्र विधानसभा में पेश सीएजी रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार जमीन खरीदने में देरी के कारण उसे 188. 65 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। इस रिपोर्ट पर विधानसभा के अगले सत्र तक चर्चा चल गई है, क्योंकि अनुपूरक मांगों को स्वीकार करने के बाद समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हंगामे की वजह से कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करना पड़ा था।
अर्जन की प्रक्रिया में किया विलंब
विधानसभा के पटल पर गुरुवार की रखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यीडा ने दूसरे चरण में विकास के लिए चार शहरी केंद्र चिह्नित किए हैं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की यीडा के कार्यकलापों पर आई इस ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि यीडा ने चार शहरों के स्थान पर मात्र अब तक अलीगढ़ और मथुरा में दो शहरी केंद्रों की महायोजनाएँ तैयार की। आगरा और हाथरस में शेष दो महायोजनाओं को अंतिम रूप नहीं दिया गया। ऐसे में महायोजना के अभाव में अनियोजित एवं अनियंत्रित विकास तथा निर्माण गतिविधियों के क्रियान्वयन से इंकार नही किया जा सकता है। एर्जेंसी क्लॉज लागू करने के उपरांत भी अर्जन की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में अत्यधिक विलंब से व्यय अधिक हुआ है और इसका यीडा को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।