सिटी बस टर्मिनल प्रोजेक्ट फेल : वित्तीय नुकसान से बचने के लिए किराए पर दी जा रही खाली इमारत, 17 दिसंबर तक कंपनियां कर सकती हैं आवेदन
Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार के डिमांड पर नोएडा के सेक्टर 82 में प्राधिकरण द्वारा बनाई गई, ‘सीटी बस टर्मिनल’ की हालत खस्ता दिख रही है। गजब की बात ये है कि जिस सरकार के कहने पर इस इमारत को खड़ा किया गया था, वही सरकार अब मेंटेनेंस का खर्च नहीं उठा पा रही है। जिस वजह प्राधिकरण अब वित्तीय नुकसान से बचने के लिए इस टर्मिनल की खाली इमारतों को किराए पर दे रही है।
तीन सालों में केवल 4 बसों का होता है संचालन
बता दें इमारत तैयार होने के बाद प्राधिकरण ने इसे हैंड ओवर करने के लिए परिवहन निगम से संपर्क किया था। लेकिन निगम ने पूरी इमारत टेक ओवर करने से ही इनकार कर दिया था। खानापूर्ति के लिए दादरी और बुलंदशहर के लिए 4 बसें चलवानी शुरू की। दावा किया था इन बसों की संख्या बढ़ाकर 50 की जाएगी लेकिन तीन साल बाद भी 4 बसें ही टर्मिनल से चल रही हैं।
18 को खोला जाएगा प्रपोजल
सेक्टर 82 की खाली इमारत को किराए पर देने के लिए प्राधिकरण ने कंपनियों से आवेदन मांगे है। इसके लिए कॉरपोरेट ऑफिस, को वर्किंग स्पेस समेत हॉस्पीटल कंपनियां आवेदन कर सकती है। आज 3 दिसंबर को प्री-बिड की बैठक हुई, जिसकी कुछ कंपनियों के सवालों पर चर्चा की गई। बता दें कंपनियां 17 दिसंबर तक आवेदन कर सकती है। इसके लिए कंपनियां नोएडा प्राधिकरण और ई-टेंडर पर जाकर आवेदन कर सकती है। इसके अगले दिन ही यानी 18 दिसंबर को प्रपोजल पर चर्चा कर कंपनी का चयन किया जाएगा।
157 करोड़ रुपए की लागत से बना है सिटी बस टर्मिनल
सिटी बस टर्मिनल 30 हजार 643 वर्ग मीटर एरिया में बना हुआ है। सिटी बस टर्मिनल का काम जनवरी 2015 में शुरू हुआ था। इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी लेकिन जमीन विवाद और मामला न्यायालय में चले जाने के कारण काम रुक गया। इसके बाद इसका काम सितंबर 2022 में जाकर पूरा हुआ। ये 157 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई थी।