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साइबर अपराधः शापिंग साइटों के जरिये सस्ता सामान लेने के चक्कर में नहीं पड़े, हो सकते हैं ठगी के शिकार

विभिन्न शापिंग साइटों की फर्जी बेवसाइट बना सस्ता सामान उपलब्ध कराने का लालच देकर लोगों को ठगने आरोप में पुलिस छह लोगों को दबोचा

नोएडा। यदि किसी बेवसाइट पर डी-मार्ट, बिग बास्केट, बिग बाजार आदि से सस्ते दाम पर सामान उपलब्ध कराने की विज्ञापन देखें तो फौरन सावधान हो जाएं। हो सकता है इन कंपनियों का फर्जी बेवसाइट बना हो और आप इस वेबसाइट के जरिए सामान लेने का मन बनाकर हों तो आप पक्का ठगी के शिकार हो जाएंगे।

खाते से रुपये गायब

यह गिरोह कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपयों की ठगी कर चुका है। पुलिस ने इन्हें गौर सिटी सेन्टर के सामने सर्विस रोड से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्यों के जाल में फंसे लोगों के क्रेडिट एवं डेविट की गोपनीय जानकारी हासिल कर बैंक खातों से रुपये ट्रांसफर कर खाते को बिल्कुल खाली देते थे।

क्या हुआ गिरोह के सदस्यों से बराम

पुलिस ने जांच के दौरान पकड़े गए गिरोह छहो सदस्यों के पास से  तीन लैपटॉप,  विभिन्न कंपनियों के चार मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड और 11 हजार 700 रुपये व एक आई-10 कार समेत अन्य कई सामान बरामद हुए हैं। इनका नेटवर्क दिल्ली, एनसीआर समेत पूरे भारत में फैला हुआ है। पकड़े गए लोग अपने साथियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके है। इनका अपराध क्षेत्र नोएडा, दिल्ली, एनसीआर सहित पूरा भारत है। इनके खिलाफ बिसरख थान में भादवि की 420, 406 और 66 आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ है।

कैसे लोगों को ठगते थे

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए लोग फिशिंग वेबसाईट  https://bigbazar.co.in,  https://dmarts.co फर्जी वेबसाइट तैयार कर एपीके फाइल बना लेते थे। इसके अतिरिक्त फर्जी फेसबुक खाते बनाकर फेसबुक ऐड के माध्यम से कैम्पैन चलाते थे जिसमें वेबसाईट का लिंक होता है। जिस भोले-भाले ग्राहक सस्ते दर पर सामान खरीदने के लिए अपना आर्डर कन्फर्म करते थे। इसमें ग्राहक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, पेमेंट डिटेल जैसे क्रेडिट / डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डिटेल  मेल एवं सी पैनल के माध्यम से लेते थे। फिर इनको छूट एवं आर्डर कन्फर्म करने के नाम पर एपीके फाइल भेजते थे। उस फाइल में मैसेज फारवर्डर होता था। पकड़े गए आरोपी ग्राहक के मोबाइल पर आने वाले सभी एसएमएस अपने मोबाइल पर प्राप्त कर लेते थे। इससे ग्राहकों, उपभोक्ताओं के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से फोन-पे, पेटीएम, क्रेड आदि पेमेंट गेटवे के जरिये रुपये फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर निकाल लेते थे।

कौन हैं पकड़े गए आरोपी

पुलिस प्रवक्ता ने बताया जिन लोगों को पुलिस न गिरफ्तार किया है उनमें पहला विनीत कुमार निवासी ई-124, ऐसोटेक सोसायटी क्रासिंग रिपब्लिक गाजियाबाद, दूसरा ध्रुव सोलंकी निवासी ई-145 ऐसोटेक सोसायटी क्रासिंग रिपब्लिक गाजियाबाद, तीसरा गौरव तालान निवासी सी-25, श्याम एन्कलेव साहिबाबाद गाजियाबाद, चौथा सलमान निवासी मकान नंबर 24, गली नं0 एक सांईलोक कालोनी छपरौला गौतमबुद्धनगर, पांचवां संतोष मौर्य निवासी गली नं0 4, सांईलोक कालोनी छपरौला गौतमबुद्ध नगर और छठवें आरोपी की पहचान आशुतोष मौर्य निवासी गली नंबर चार, सांईलोक कालोनी छपरौला गौतमबुद्ध नगर के तौर पर हुई है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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