उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरलखनऊ

बजट में मेगा परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने पर जोर

प्रदेश को औद्योगिक निवेश के लिए शीर्ष गंतव्य बनाया जाएगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अगले 10 वर्षों में 10 लाख करोड़ रूपये के अभूतपूर्व स्तर पर औद्योगिक निवेश आकर्षित करने की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत, प्रदेश के जिलों के बीच व अन्य राज्यों से सड़क, वायु मार्गों से संपर्क को बेहतर व मजबूत करना, उच्च गुणवत्ता की औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं का विकास, और वृहद औद्योगीकरण के लिए सभी व्यवस्थाएं सुलभ करने की योजनाएं शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6.15 लाख करोड़  के विशाल बजट में प्रदेश में पहली बार, अवस्थापना को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश की बड़ी हिस्सेदारी होने जा रही है। इस बजट में 39181 करोड़ रुपये से अधिक की नई योजनाएं शामिल हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री द्वारा क्रियान्वित की गई गति शक्ति नैशनल मास्टरप्लान में उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 16 विभाग और दूसरे चरण में 11 विभागों को चिन्हित किया गया है। गति शक्ति मास्टरप्लान में केन्द्र की प्रयागराज- वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग, ईस्ट व वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर, मल्टी-मोडल लाजिस्टिक्स एवं ट्रांसपोर्ट टर्मिनल, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम तथा दिल्ली- जेवर-वाराणसी हाई स्पीड रेल लिंक, डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर व जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण की परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कई परियोजनाएं आने वाले वर्षों में शुरू की जा रही हैं, जिसमे 2022-23 के बजट में मल्टी मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं हेतु 897 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

साथ ही, इस क्षेत्र में संभावित बिजनेस पार्टनर्स के लिए उच्च गणवत्ता की औद्योगिक अवस्थापना सुविधाएं के विकास हेतु ‘अटल इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्टचर मिशन’ का कार्यान्वयन किया जायेगा, जिसके प्रथम चरण हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इससे जुड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु फास्ट ट्रैक प्रोजेक्ट प्लानिंग का माध्यम अपनाया जाना है।

इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में त्वरित संचार माध्यम की बड़ी भूमिका है, और वर्तमान में उपलब्ध आप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए पर पूँजीगत परियोजनाओं हेतु बजट में 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में सभी सेक्टर में डिजिटाईजेशन को बढ़ावा देने वाली पूँजीगत परियोजनाओं हेतु बजट में 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

औद्योगीकरण को तेजी देने के लिए सड़कों, औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना, सूक्ष्म, लघु व माध्यम इकाइयों को प्रोत्साहन देने और प्रस्तावित अंतर-राष्ट्रीय हवाई अड्डों के निर्माण को तेजी देने के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है।

गत 5 वर्षों में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को देश का शीर्ष एक्स्प्रेसवे राज्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश में एक्स्प्रेसवे का संजाल बिछाया जा रहा है। लखनऊ से गाजीपुर तक 340.824 किलोमीटर लम्बे 6 लेन के प्रवेश-नियंत्रित पूर्वाचल एक्सप्रेसवे का संचालन नवम्बर 2021 से प्रारम्भ हो चुका है। गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने हेतु निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 40 प्रतिशत से अधिक पूर्ण कर लिया गया है।

प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के चित्रकूट को इटावा जिले से जोड़ने वाली 296 किमी लंबी बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसको शीघ्र जनसामान्य के लिये सुलभ करा दिया जायेगा। इस एक्सप्रेसवे के साथ डिफेन्स कॉरिडोर परियोजनान्तर्गत 8640 करोड़ रूपये के 62 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

देश की सबसे लंबी एक्स्प्रेसवे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले अति-महत्वाकांक्षी गंगा एक्स्प्रेसवे के लिए भूमि क्रय का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह एक्स्प्रेसवे 594 किलोमीटर लम्बी और 06 लेन की बनाई जाएगी, और बजट में इसके लिये 695 करोड़ 34 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इस एक्सप्रेसवे में शाहजहांपुर में वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए हवाई पट्टी बनाया जाना भी प्रस्तावित है।

लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 की भावना के अनुसार राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवेज के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है, तथा इसके लिए प्रथम चरण में 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

औद्योगिक क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए योगी सरकार द्वारा लगातार पहल की जा रही है और प्रदेश में लगने वाली परियोजनाओं का भूमि पूजन शीघ्र ही प्रस्तावित है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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