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अनुमानः शादियों का सीजन शुरू, 2500 करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद

व्यापारी नेता सुशील कुमार जैन ने लगाया अनुमान, क्या है इसका आधार, क्यों अच्छा होगा व्यापार

नोएडा। सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष एवं कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया  ट्रेडर्स (दिल्ली एनसीआर) के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि भारत में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस सीजन में भारत में अच्छा खासा व्यापार होता है। लगभग हर वर्ग के बड़े से लेकर छोटे व्यापारी को इस सीजन में अच्छा खासा व्यापार मिलता है।

नोएडा में 15 हजार शादियों का अनुमान

उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार नोएडा  गौतमबुद्धनगर में लगभग 15 हजार शादियां होंगी। इसमें 2500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का व्यापार नोएडा एवं गौतमबुद्ध नगर के बाज़ारों मे आएगा। दिल्ली में लगभग 75000 करोड़ बाज़ार में आने की संभावना है। देश भर में 3.75 लाख करोड़ व्यापार की संभावना है। देशभर के व्यापारी अब शादी के सीजन की बिक्री में जुट गए हैं। देश भर में 32 लाख शादियां होने की संभावना है।

शादियों का पहला चरण शुरू

सुशील कुमार जैन ने कहा कि 4 नवंबर देव उठान एकादशी से 14 दिसंबर तक लगभग 40 दिनों के शादियों का पहला चरण शुरू हो गया है जिसमें देशभर में लगभग 32 लाख शादियों होने का अनुमान है। इस सीजन में लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का आकलन किया जा रहा है।

ये है शादियों का शुभ मुहुर्त

उन्होंने बताया कि इस बार नवंबर 4 ,7, 11,14  ,20, 21, 24, 25, 27, 29 एवं 30 तथा दिसंबर के महीने में 4, 5, 7, 8, 9, तथा 14 दिसंबर शादियां कराने के शुभ मुहूर्त है। फिर दोबारा 14 जनवरी से मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं।  सनातन धर्म के अलावा आर्य समाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी, जैन समाज सहित देश में अन्य अनेक वर्ग हैं, जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते, वे भी इस सीजन में तथा इसके अलावा इन दिनों में भी अनेक लोग शादी समारोह आयोजित करेंगे।

व्यापारियों ने की व्यापक तैयारी

सुशील कुमार जैन ने कहा की शादियों के सीजन में अच्छे व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं। सभी प्रबंध किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया की प्रत्येक शादी का लगभग 20 प्रतिशत खर्च वधू एवं वरपक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च शादी को सम्पन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है। इसलिए शादियों का सीजन भी देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुका है।

उन्होंने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत, पेंट, फर्निशिंग, साज सज्जा आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं खासतौर पर ज्वेलरी, साड़ियां, लहंगे-चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, फर्नीचर, किराना, गिफ्ट आइटम्स, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में प्रतिवर्ष होता है।

इन्हें भी मिलता है बड़ा व्यापार

उन्होंने बताया नोएडा सहित देशभर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस, सरकारी सामुदायिक भवन, सार्वजनिक पार्क, रिहायशी कॉलोनियों में स्तिथ पार्क, क्लब एवं शादियों के लिए अन्य अनेक प्रकार के स्थान को भी बड़ा व्यापार मिलता है। प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता हैं, जिसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बरात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़े पैमाने व्यापार मिलता है। शादी कराने वाले लोगों के लिए भी शादियों का सीजन एक बड़ी आमदनी का जरिया बन गया है। वहीं इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों के लिए भी यह एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है।

ये भी है अनुमान

सुशील कुमार जैन ने बताया की इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 2000 शादियों में प्रत्येक शादी में लगभग 3 से 5 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं लगभग 4000 शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 6-8 लाख होंगे। प्रति शादी होगा 5000 शादियां जिनमें 10 -15 लाख प्रति शादी, 3500 शादियां जिनमें 25 -35 लाख  प्रति शादी, 1000 शादियां जिनमें लगभग 50 – 75 लाख प्रति शादी एवं 250 शादियां ऐसी होंगी, जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा। कुल मिलाकर इस एक महीने के शादी के सीजन में 2500 करोड़ रुपये का धन प्रवाह बाजारों में इस वर्ष शादी की खरीदी के माध्यम से होना संभावित है। शादियों का दूसरा चरण 14 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होकर जुलाई 2023 तक चलेगा।

उन्होंने बताया कि पिछले दो साल से कोरोना और लॉकडाउन के कारण सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई थी। इसका असर बाजारों पर भी पड़ा था। ग्राहक घर से निकलने से बच रहे थे। लोग भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम से दूरी बना रहे थे। अब व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। शहर में हजारों की संख्या में शादी समारोह का आयोजन की शुरुआत हो जाएगी।

सुशील कुमार जैन  ने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत और पैंट आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है। वहीं ख़ास तौर पर  ज्वेलरी, साड़ियां,लहंगे -चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी और ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां,फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, किराना, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होने की आशा है।

 

सुशील कुमार जैन ने बताया की दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस और शादियों के लिए अन्य अनेक प्रकार के स्थान पूरी तरह तैयार हैं। प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता हैं । जिसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस के इस बार बड़ा व्यापार करने की सम्भावना है। इसके साथ ही इवेंट मैनेजमेंट भी एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है।

प्रतिबंध हटने के बाद अच्छा मौका

उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के पूरे प्रतिबंध हटने के बाद अब यह अच्छा मौका है, जब नोएडा सहित देश भर के व्यापारी कोरोना से हुए व्यापार के नुकसान की कुछ भरपाई होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। गत दो वर्षों में कोविड और शादियों के बेहद कम मुहूर्त के दिन होने या सरकार द्वारा लगाए अनेक प्रतिबंधों के चलते शादियाँ बहुत ही कम संख्या में हुई थी। पहले के शादी कार्यक्रमो मे शिरकत करने से लोग दूरी बना रहे थे। अभी ऐसे माहौल से मुक्ति मिली है और लोग शादी व्याह के कार्यक्रमों में शिरकत करने लगे हैं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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