दिल्ली में EV सब्सिडी अटकी, जनता परेशान – जानिए वजह, परिवहन विभाग के किया सूत्रों का खुलासा !

नोएडा: पिछली आम आदमी पार्टी सरकार की लापरवाही का खामियाजा अब जनता को भुगतना पड़ रहा है।
पूरे साल 2024-25 में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने वालों को मिलने वाली 48 करोड़ रुपये की सब्सिडी अटकी रही, जिससे न सिर्फ उपभोक्ताओं को नुकसान हुआ बल्कि पर्यावरण के लिए भी झटका साबित हुआ।
EV सब्सिडी में देरी के पीछे ये हैं 3 बड़े कारण
दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी जारी न होने को लेकर परिवहन विभाग के सूत्रों ने कुछ अहम वजहें बताई हैं। उनके अनुसार, यह देरी सिर्फ फंड न मिलने की वजह से नहीं, बल्कि कई स्तरों पर हुई गड़बड़ियों का नतीजा है।
1. नीति की समयसीमा और देरी से आदेश:
पिछले साल ई-वाहन नीति की अवधि खत्म होती रही, लेकिन इसे आगे बढ़ाने में देरी हुई। नतीजतन, इस दौरान जो लोग ई-वाहन खरीदते रहे, उनकी सब्सिडी अटक गई।
2. नीति को लेकर असमंजस:
EV नीति के विस्तार को लेकर स्पष्टता नहीं थी, जिससे कई खरीदारों ने सब्सिडी के लिए आवेदन ही नहीं किया।
3. दस्तावेजी कमियां:
सब्सिडी सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते में जाती है, लेकिन कई मामलों में आधार से लिंक बैंक खाता या सही मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होने के कारण भुगतान नहीं हो सका।
ईवी सब्सिडी को लेकर अब भी सस्पेंस, इंतजार में खरीदार !
पिछले साल खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी को लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। नई बनी भाजपा सरकार ने अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया है, जिससे हजारों वाहन खरीदारों में असमंजस बना हुआ है।
लोगों की मांग है कि चाहे वाहन पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में क्यों न खरीदे गए हों, उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलना चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने अगस्त 2020 में पहली बार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहन नीति लागू की थी, जिसका उद्देश्य प्रदूषण कम करना और ई-वाहनों को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना था।