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उत्तर प्रदेशलखनऊ

कवायदः पुलिस की रेडियो विभाग की कार्यप्रणाली और अधिक होगी चुस्त-दुरूस्त

उ0प्र0 पुलिस रेडियो शाखा के आधुनिकीकरण के लिए 20 करोड़ रूपये, सामान्य बजट के तहत 12 करोड़ के क्रय किए जा रहे संचार उपकरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश पुलिस की रेडियो विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल व चुस्त-दुरूस्त बनाने के लिए अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है। इससे जनपदीय पुलिस को कुशल एवं बाधा रहित रेडियों संचार प्रणाली उपलब्ध हो सकेगा।

32 करोड़ रुपये से खरीदे जाएंगे उपकरण

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उ0प्र0 पुलिस रेडियो शाखा के लिए आधुनिकीकरण योजनाओं के तहत 20 करोड़ रूपये तथा सामान्य बजट के तहत 12 करोड़ रूपये के विभिन्न संचार उपकरण क्रय किए जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद की अध्यक्षता में मंगलवार को लोक भवन स्थित कमाण्ड सेण्टर में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017 से प्रारम्भ नेटवर्क डिजिटाइजेशन में उ0प्र0 पुलिस का देश में 5वॉ स्थान है। विगत 5 वर्षो में प्रदेश के 33 जिलों की एनालाग संचार व्यवस्था को डिजिटल में परिवर्तित किया गया है, जो नेटवर्क का 43 प्रतिशत है, जिसे 2024 तक शत प्रतिशत किए जाने का लक्ष्य है।

ई-आक्शन से निस्तारण

उ0प्र0 पुलिस में पहली बार निष्प्रयोज्य सामग्रियों का ई-ऑक्शन से निस्तारित किया गया है। प्रदेश में राज्य सरकार के सभी प्रकार के पुलिस बल जैसे- पैदल, मोटर साइकिल, महिला (शहरी एवं ग्रामीण) 28.538 बीट को आगामी 3 वर्षों में हैण्ड हेल्ड सेट उपलब्ध कराए जाने की योजना पर शासन द्वारा गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के सभी जिलों में थानों, चौकियों एवं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का पुलिस नियंत्रण कक्ष से निरन्तर एवं सत्त संचार संपर्क सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में संवेदनशील स्थानों पर 1680 वायरलेस बेस्ड पीए सिस्टम स्थापित किए गए है। यू0पी0 112 के नेटवर्क (बैंडविथ) पर प्रदेश के सभी जिलों के नियंत्रण कक्षों को डेटा एवं वायर संचार हेतु वर्तमान सरकार द्वारा रेडियो मेल प्रणाली स्थापित की जा चुकी है। इसके अलावा पोलनेट संचार के अन्तर्गत प्रदेश के जनपदीय नियंत्रण कक्षों में उपग्रह आधारित डेटा एवं वायस की संचार व्यवस्था भी स्थापित की गई है।

कंप्यूटर प्रशिक्षण लैब की स्थापना

वर्तमान सरकार के दूसरे कार्यकाल में 48 लाख रूपये की धनराशि व्यय कर कम्प्यूटर प्रशिक्षण लैब की स्थापना की जा चुकी है। वर्तमान सरकार के 6 माह के कार्यकाल में 76 क्रिप्टो केन्द्रों का 49.48 लाख रूपये से उच्चीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। विभागीय कर्मियों की कार्यकुशलता में वृद्धि हेतु एक वर्ष में सम्पूर्ण प्रदेश में ऑनलाइन प्रशिक्षण हेतु 227 लाख रूपये की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही 3 वर्षों के निर्धारित लक्ष्यों के तहत प्रथम वर्ष के लिये 41 करोड़ रूपये के संचार उपकरणों की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी जा चुकी है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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