फर्जी जीएसटी फर्मः चार और शातिर आरोपी गिरफ्तार, हजारों करोड़ रुपयों के राजस्व की पहुंचा चुके हैं क्षति
गिरोह के कई लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं, पुलिस ने लिया हुआ रिमांड पर, उनकी निशांदेही ही अन्य चार दबोचे गए
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर 20 नोएडा की पुलिस ने फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर हजारों करोड़ रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाने वाले गिरोह के चार अन्य शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पहले ही इसी आरोप में गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने उनका रिमांड लिया हुआ है।
कौन हैं पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान गौरव सिंघल (उम्र 46 वर्ष) निवासी मकान नंबर एफ 2/214 फर्स्ट फ्लोर सेक्टर 16 रोहिणी दिल्ली, गुरमीत सिंह बत्रा उर्फ साहिल (उम्र 26 वर्ष) निवासी एफ 3/11 सेक्टर 16 रोहिणी, राजीव (उम्र 33 वर्ष) निवासी महेश्वरी टेलिकाम गली नंबर 4 नया गांव सेक्टर-87 फेस-2 गौतमबुद्धनगर और राहुल गुप्ता (उम्र 36 वर्ष) निवासी महेश्वरी टेलिकाम गली नं 4 नया गावं सेक्टर 87 फेस-2 गौतमबुद्धनगर के रूप में हुई है। थाना सेक्टर 20 पुलिस ने फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर हजारों करोड़ की क्षति पहुंचाने वाले गिरोह के विरूद्ध जारी कार्रवाई के क्रम में आज शनिवार को 10 जून को करीब 80 घंटों की पुलिस अभिरक्षा रिमांड पर लिए गए आरोपियों की निशादेही पर गिरोह के अन्य 4 शातिर आरोपियों गौरव सिंघल और गुरमीत सिंह बत्रा उर्फ साहिल को सेक्टर 16 रोहिणी दिल्ली से गिरफ्तार किया। इनके पास से एक कैश काउन्टिंग मशीन, एक पीओएस मशीन, 18 फर्जी बिल, इनवॉयस, 11 आधार कार्ड, एक जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एक पैन कार्ड, गौरव सिंघल के पास से इनोवा क्रिस्टा, गुरमीत सिंह बत्रा उर्फ साहिल के पास से KIA SONET बरामद हुई है। इसके बाद पुलिस रिमांड पर लिए गए आरोपियों की निशादेही पर की गई कार्यवाही के क्रम में गिरोह के अन्य सदस्य राजीव और राहुल गुप्ता को नया गांव सेक्टर 87 फेस-2 गली नंबर-4 महेश्वरी टेलीकाम गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से भी फर्जी तरीके से एक्टीवेट कराए गए 15 सिम कार्ड, 7 सिम कार्ड (अनएक्टीवेट) एवं थम्ब इम्प्रेशन रिडिंग मशीन बरामद हुई है। प्रत्येक आरोपियों के विरूद्ध थाना सेक्टर 20 पर भादवि की धारा 420/467/468/471/120बी के दर्ज है।
कैसे देते थे अपराध को अंजाम
राजीव फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट कराता था। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति सिम खऱीदने आता है तो उस व्यक्ति से सिम एक्टिवेशन के नाम पर तीन-चार बार में थम्ब मशीन पर थम्ब इम्प्रेशन स्कैन यह कहकर स्कैन कराया जाता था कि आपका थम्ब सही से स्कैन नहीं हो पा रहा है। इसके बाद राजीव इसी का फायदा उठाकर एक से दो सिम एक्टीवेट कर लेता था। फिर एक सिम को तो वह कस्टमर को दे देता था और एक सिम को वह ग्राहक की आईडी पर ही एक्टीवेट कर अपने पास रख लेता था। अपने ही टीम के सदस्य राहुल को एक्टीवेट की हुई सिम करीब 500 रुपये में बेच देता था। राहुल गुप्ता डिमांड के आधार पर राजीव के एक्टीवेट किए सिमों को खरीद कर उनको अपने ही टीम के सदस्य जो फर्जी जीएसटी फर्म तैयार करते थे, को बेचकर उनसे अपना कमीशन ले लेता था। जो एक्टीवेटिड सिम राहुल गुप्ता अपने सदस्यों को देता था, उन्ही सिमों का उपयोग उसके टीम के सदस्य फर्जी जीएसटी फर्म तैयार करने में उपयोग करते थे। गौरव सिंघल और गुरमीत सिंह उर्फ साहिल दोनों मिलकर जो फर्जी जीएसटी फर्म तैयार होता को, खरीदते थे। उन खऱीदी गई फर्जी जीएसटी फर्मों का प्रयोग गौरव एवं गुरमीत ई-वे बिल के माध्यम से फर्जी इन्वॉयस को विभिन्न कंपनियों के नाम से बनाकर तैयार कर लेते थे। उन तैयार किए गए फर्जी बिलों को वे विभिन्न कंपनियों को बेचकर उनसे अपना मोटा कमीशन वसूलते थे।