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बच्ची का हत्याराः दो साल की मासूम के हत्यारे को पुलिस ने दबोचा, शाल से गला घोंट दिया था, दो लाख की फिरौती के लिए किया था अपहरण

पुलिस ने कहा, शातिर किस्म का अपराधी है आरोपी, पांच साल से किराये के मकान में रह रहा था, कमरे में अकेली थी मासूम, मौका पाकर अपने कमरे मे घसीट ले गया था  

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर थाना सूरजपुर की पुलिस ने दो साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर हत्या कर देने के आरोप में उसके पड़ोसी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने वह शाल भी बरामद कर लिया है जिससे उसने बच्ची का गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उसने बच्ची का अपहरण उसके पिता से दो लाख रुपये फिरौती वसूलने के लिए किया था।

कौन है बच्ची का हत्यारा

सूरजपुर थाने की पुलिस ने आज मंगलवार को दो साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसकी गला घोंटकर हत्या करने के मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में बच्ची के ही पड़ोसी राघवेंद्र उर्फ राघव मूल निवासी-मोहल्ला शास्त्री नगर चितबड़ागांव, थाना चितबड़ागांव जिला बलिया को गिरफ्तार कर लिया है। वह वर्तमान में चरन सिंह का मकान, ग्राम देवला, थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर में किराये के मकान में रहता था। पुलिस ने उसे प्रीपेड टैक्सी बूथ के पास रेलवे स्टेशन गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। राघवेंद्र की निशादेही पर उसी के कमरे से वह शाल भी बरामद कर लिया है जिससे उसने बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।

पांच साल से था किरायेदार

पुलिस ने बताया कि राघवेंद्र उर्फ राघव एक शातिर किस्म का अपराधी है। वह ग्राम देवला स्थित चरन सिंह निवासी ग्राम भनौता के मकान में पिछले करीब पांच वर्षों से किराये पर रहता था। इसी बच्ची के माता-पिता भी किराये पर सपरिवार रहते हैं।

क्या है मामला

पुलिस ने बताया कि 7 अप्रैल को बच्ची की मां ने अपनी दो साल की पुत्री को कमरे पर ही छोड़कर बाजार से सामान लेने चली गई थी। उसी समय राघवेन्द्र उर्फ राघव ने मौका पाकर बच्ची का अपहरण कर अपने कमरे में छुपा लिया। बाद पकड़े जाने के डर से शाल से मुंह बांधकर और गला घोंटकर बच्ची की हत्या कर दी थी। उसने बच्ची के शव को छिपाकर फेंकने के उद्देश्य से एक पिट्ठू बैग में भरकर अपने कमरे में खूंटी पर टांग दिया था। यही नहीं उसने बच्ची के परिजनों के साथ मिलकर बच्ची को ढूंढवाने का नाटक भी कर रहा था। बच्ची के अपहरण के पीछे उसका उद्देश्य बच्ची के पिता से दो लाख रुपये लेने का था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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