Greater Noida Hindi News: किसानों को मिला सपा से सरधना के विधायक अतुल प्रधान का साथ, दल-बल के साथ आंदोलन में शामिल होने का किया वादा
किसान सभा से जुड़ी महिलाओं ने बादलपुर इटेड़ा पतवारी चौगानपुर में किया घर-घर संपर्क, प्रभात फेरियां निकालीं, 18 जुलाई के महापंचायत में आने का दिया न्यौता
ग्रेटर नोएडा। मेरठ जिले के सरधना क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान का साथ किसान सभा के आंदोलन को मिल गया है। उन्होंने आज शनिवार को किसान सभा के पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि वे 18 जुलाई को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Greater Noida Industrial Development Authority) पर आयोजित किसानों की महापंचायत में पूरे दल-बल के साथ शामिल होंगे। उधर, किसान सभा की महिला विंग का गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान आज भी जारी रहा। उन्होंने विभिन्न गांवों में घर-घर संपर्क कर महापंचायत में शामिल होने का न्यौता दिया।
पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी
अखिल भारतीय किसान सभा प्राधिकरण और सरकार की वादाखिलाफी का आरोप लगाकर इसके विरोध और किसानों के 10% आबादी प्लाट, नए कानून को लागू करने, रोजगार, आबादी, भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर के प्लॉट एवं अन्य मुद्दों को लेकर 18 जुलाई से आंदोलन का पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी में जुटी हुई है। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने जानकारी दी कि नौजवानों, महिलाओं की दो-दो टीमें ग्रेटर नोएडा ईस्ट और वेस्ट में, पुरुष किसानों की दो टीमें ईस्ट और वेस्ट में और गांव स्तर पर प्रभात फेरियां निकालकर 18 जुलाई के आंदोलन में किसानों, भूमिहीनों महिलाओं और नौजवानों को शामिल होने की अपील की।
सांसद पर विश्वास कर किया था समझौता
इसी सिलसिले में आज किसान सभा की नेता तिलक देवी, गीता, रमेश, बाला देवी, बबीता, जगन, राजेश्वरी, धर्मवती, चमन, वेदपाली, काजल के नेतृत्व में महिलाओं ने बादलपुर चौगानपुर इटेड़ा और पतवारी में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। उन्होंने बड़ी संख्या में भूमिहीनों, महिलाओं, नौजवानों और किसानों से पहुंचने की अपील की। महिला नेता गीता भाटी ने कहा कि हमने सांसद सुरेंद्र नागर पर विश्वास कर 24 जून को आंदोलन के बाबत लिखित समझौता किया था। इसके अंतर्गत हाईपॉवर कमेटी का नोटिफिकेशन होकर 30 जून तक गठन किया जाना था। कमेटी को 15 जुलाई तक किसानों के 10% मुद्दे सहित अन्य मुद्दों पर फैसला लेना था परंतु प्राधिकरण और सरकार ने वादाखिलाफी कर हाई पावर कमेटी के गठन से इनकार कर दिया। इस कारण पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। किसान सभा ने इसलिए 18 जुलाई से पक्का मोर्चा लगाकर आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। प्राधिकरण के पास 18 जुलाई तक मौका है कि वह अपने किए वादे को पूरा करें अन्यथा प्राधिकरण और सरकार को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। जिसकी राजनैतिक कीमत सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है।
युवाओं की टीम भी तैयारी में जुटी
युवा नेता मोहित भाटी ने कहा कि पूरे क्षेत्र के नौजवान एकजुट होकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। किसान सभा के नौजवानों की गांवों में कमेटियां गठित की गई हैं जो जबरदस्त ढंग से तैयारी करते हुए 18 जुलाई में हजारों की संख्या में नौजवानों को ले जाने का काम करेंगी। किसान सभा के नेता प्रकाश प्रधान ने कहा कि सरकार को अपना वादा पूरा करने का मौका मिला था जिसमें वह फेल हो गई है।
आरपार की लड़ाई होगी
किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा कि लड़ाई आर-पार की है। वक्त चाहे जो लगे। लेकिन आंदोलन को जीतकर ही दम लेंगे। किसान सभा के नेता पप्पू प्रधान मायेचा ने ऐलान किया कि मायेचा गांव से सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष नौजवान भूमिहीन निकलकर 18 जुलाई को प्राधिकरण का घेराव करेंगे।
सपा अध्यक्ष को लाने की होगी कोशिश
सरधना विधायक अतुल प्रधान ने ऐलान किया कि हम ग्रेटर नोएडा के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन के पहले चरण में भी शामिल रहे हैं। 18 जुलाई से शामिल रहेंगे। किसान सभा पक्का मोर्चा लगाने जा रही है। आंदोलन के बारे में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पहले से ही अवगत करा दिया गया है। पक्का मोर्चा लगते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष से समय लेकर समाजवादी पार्टी उनके साथ किसानों के मुद्दों पर पूरी ताकत के साथ आंदोलन में उतरेगी। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने बताया किसान सभा ने पूरी योजना के साथ सभी संगठनों विपक्षी पार्टियों को शामिल करते हुए पक्का मोर्चा लगाने की योजना बनाई है सभी किसान संगठन पार्टियां किसान सभा के आंदोलन में तन मन धन से साथ हैं प्राधिकरण सरकार के पास किसानों की मांगों को पूरा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है किसान सभा के नेता महाराज सिंह प्रधान ने कहा कि क्षेत्र में भाजपा को अपनी समस्याओं का हल करने के मकसद से भारी मतों से जिताया था परंतु भाजपा ने किसानों के मुद्दों की न केवल उपेक्षा की है बल्कि किसानों के साथ वादाखिलाफी भी की है। सत्ताधारी पार्टी के लोग कह रहे हैं कि आंदोलन में विपक्षी पार्टियां आ रही हैं और राजनीति कर रही हैं। यदि उन्हें वाकई किसानों की फिक्र है तो उन्हें किसानों के मुद्दों को तुरंत हल करना चाहिए। किसान पार्टियों को नहीं बुला रहे बल्कि भाजपा द्वारा किसान विरोधी निर्णय लेने किसानों की उपेक्षा करने किसानों से झूठ बोलने किसानों से वादाखिलाफी करने के कारण खुद भाजपा विपक्ष को मौका दे रही है कि विपक्ष इसमें आए और भाजपा को घेरने का काम करें। अब भाजपा को तय करना है कि उसे विपक्ष को राजनीति करने का मौका देना है या नहीं। भाजपा वाकई यदि किसान हितैषी है तो उसे तुरंत किसानों के मुद्दों को हल करना चाहिए।