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किसान आंदोलनः रिहा करने के बाद तुरंत ही जेल में भी डाल दिया किसानों को जिला प्रशासन ने

जेल में बंद किसानों से मिला सपा का प्रतिनिधिमंडल, किसानों के धरने पर कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता भी पहुंचे, बिना शर्त रिहाई व मांगों के समर्थन का दायरा बढ़ा

ग्रेटर नोएडा अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर अपनी मांगों के समर्थन और समस्याओं के निराकरण के लिए आंदोलन के दौरान जेल गए किसानों को जमानत पर रिहा करने के तुरंत बाद ही जेल में फिर शांति भंग की आशंका में जेल में डाल दिया गया। किसानों की जमानत हो गई थी। इसके पालन में उन्हें रिहा तो किया गया लेकिन पांच मिनट भी नहीं बीता था कि उन्हें फिर जेल में डाल दिया गया।

 

 

सपा का प्रतिनिधिमंडल जेल में किसानों से मिला

उधर समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जेल में बंद किसानों से मेरठ जिले के सरधना सीट से सपा विधायक अतुल प्रधान के नेतृत्व में किसानों से मिला। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का महापड़ाव (धरना) आज शुक्रवार को 53 वें दिन भी जारी रहा। आज के महापड़ाव में समाजवादी पार्टी भारी-भरकम और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल धरने के मध्य पहुंचा और किसानों को अपना समर्थन दिया। आज के धरने की अध्यक्षता संतराम भाटी और संचालन अजयपाल रामपुर ने किया।

रिहाई के बाद तुरंत ही जेल में डाला

समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पहले जेल में बंद किसानों से सपा विधायक अतुल प्रधान के नेतृत्व में मिलने जेल पहुंचा। सपा विधायक के विधायक अतुल प्रधान ने बताया कि सरकार की मंशा किसानों के मुद्दे हल करने के बजाय उन्हें प्रताड़ित कर धरने को समाप्त करने की ज्यादा है।

जेल पर ही दिया धरना

सपा विधायक अतुल प्रधान ने बताया कि जब हम किसानों से मिलने जेल गए तो पहले तो हमें किसानों से मिलने नहीं दिया गया परंतु जब सपा का प्रतिनिधिमंडल जेल पर ही किसानों से मिलने के लिए धरने पर बैठ गया तब जेल प्रशासन ने हमारी किसानों से कई घंटे बाद मुलाकात कराई। किसानों ने हमको बताया कि सुबह आठ बजे हमें रिहा कर दिया गया था लेकिन पांच मिनट बाद ही दोबारा 151 (शांति भंग की आशंका) के तहत जेल में फिर से बंद कर दिया गया।

सरकार घबड़ाई हुई है

सपा विधायक ने दावा किया कि सरकार किसानों के धरने पर बढ़ती हुई संख्या को देखकर घबड़ाई हुई है। वह किसानों को किसी भी रूप में उलझाकर जेल में ही रखना चाहती है। जो किसान बाहर धरने को संचालित कर रहे हैं, उन पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं और उनके घर पुलिस जाकर डराने और धमकाने का कार्य कर रही है।

12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गठित

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने बताया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया और हम लोगों को किसानों के मध्य बात करने के लिए भेजा। हम लोगों ने जेल में मुलाकात करने के बाद धरने पर लोगों से बातचीत की। जिन लोगों को 6 जून की रात को पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में चोट लगी थी, उनसे भी मुलाकात की। अब हम अपनी रिपोर्ट बनाकर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेंगे। हमें उम्मीद है कि वह बहुत ही जल्द किसानों के मध्य आने के लिए समय निर्धारित करेंगे।

उप्र कांग्रेस अध्यक्ष भी पहुंचे किसानों के बीच

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के प्रादेशिक अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल महापड़ाव स्थल पर पहुंचकर किसानों को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गौतमबुद्ध नगर के अंदर ही नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों और मजदूरों पर अत्याचार कर रही है। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाकर किसानों के हित में कदम उठाया था परंतु भाजपा सरकार उसे लागू ही नहीं करना चाहती। और जो लाभ किसानों को नई भूमि अधिग्रहण के तहत मिलना चाहिए उन लाभों से किसान वंचित है।

राष्ट्रीय नेताओं को कराएंगे अवगत

बृजलाल खाबरी ने बताया कि हम बहुत ही जल्द ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से मुलाकात कर किसानों के साथ हुए अन्याय से अवगत कराएंगे। बहुत ही जल्द ही इन तीनों नेताओं को किसानों के मध्य लाएंगे।

समस्या समाधान के लिए तैयार नहीं

किसान सभा के जिला सचिव जल्दी नंबरदार ने कहा कि हम पिछले 53 दिनों से बहुत ही शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं परंतु प्राधिकरण का कोई भी अधिकारी, सरकार का प्रतिनिधि समस्याओं का निराकरण करने के लिए तैयार नहीं है। जो हमारे साथी जेल के अंदर बंद हैं, उन्हें भी अभी तक रिहा नहीं किया गया है। शासन-प्रशासन के लोगों को समझना चाहिए कि यह महापड़ाव बहुत ही लंबा हो गया है और लोगों में दिन पर दिन असंतोष व्यापक होता जा रहा है। अगर आगे कोई भी अनहोनी घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

ये लोग थे धरने में शामिल

आज के धरने में मुख्य रूप से राजकुमार भाटी, फकीर चंद नागर, सुनील भाटी, इंद्र प्रधान, सुधीर भाटी, सतीश यादव, अजय चौधरी एडवोकेट, रणवीर मास्टर, हरेंद्र खारी, सुरेंद्र यादव, रंगी लाल भाटी, सुशील प्रधान, टीकल नागर, मनोज मास्टर, रोहित बसोया, विकास गुर्जर, निशांत भाटी, मोहित नागर, रिंकू प्रधान, अजय चौधरी, सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, महासचिव राम सागर, जनवादी महिला समिति की नेता आशा यादव, चंदा बेगम, किसान सभा केंद्रीय कमेटी सदस्य पुष्पेंद्र त्यागी व मनोज सहित हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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