उत्तर प्रदेशलखनऊ

उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

कहा-बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गठित उच्चस्तरीय टीम-09 को कई दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति का सुफल है कि आज जबकि देश के विभिन्न राज्यों में एक बार फिर कोविड केस में बढ़ोतरी हो रही है, उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम बनी हुई है। विगत दिवस की पॉजिटिविटी मात्र 0.03% रही, जबकि वर्तमान माह में औसत पॉजिटिविटी 0.23% रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 1645 है। इसमें 1563 लोग घर पर उपचाराधीन हैं, जबकि 29 लोग अस्पतालों में चिकित्सकों की निगरानी में हैं। विगत 24 घंटों में 86 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 318 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 178 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा।

उन्होंने कहा कि 11 करोड़ 60 लाख से अधिक टेस्टिंग और 33 करोड़ 40 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण करने के साथ उत्तर प्रदेश कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण में देश में शीर्ष स्थान पर है। प्रदेश के 18+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 94.79% से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15-17 आयु वर्ग के 98.72% किशोरों को पहली और 82.5% को दोनों खुराक मिल चुकी है, इसी प्रकार, 12 से 14 आयु वर्ग के 92% से अधिक बच्चों को टीके की पहली डोज और 52% को दोनों डोज दी जा चुकी है। 18+ आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी की अपेक्षा है। बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए। 12-18 आयु वर्ग के किशोरों को दूसरी डोज देने में तेजी की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि किसानों के हित संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए गेहूं खरीद की प्रक्रिया आगामी 30 जून तक जारी रखा जाए। क्रय अवधि बढ़ाने का आदेश तत्काल प्रभावी करें। आगामी दिनों में मॉनसून/बारिश की संभावना को देखते हुए खरीदे जा रहे गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।

उन्होंने कहा कि एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के बेड़े में और बढ़ोतरी आवश्यक है। सभी मोबाइल मेडिकल वैन क्रियाशील रहें। इनका रिस्पांस टाइम न्यूनतम रखे जाने के लिए तकनीकी सहयोग लिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में ट्रॉमा सेंटर की सुविधाओं को और बेहतर किए जाने की जरूरत है। लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ट्रॉमा क्षमता को और बढ़ाए जाने की जरूरत है। नव स्थापित मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सुविधाओं को बेहतर रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता कराने के लिए आईआईटी कानपुर ने एक मॉडल तैयार किया है। इसका अध्ययन करते हुए बेहतर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।

उन्होंन कहा कि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हर साल अनेक लोगों की असमय मृत्यु होती है। समय से लोगों को अलर्ट किया जा सके, इसके लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बेहतर समन्वय के साथ तकनीकी प्रबन्ध करने हेतु संयंत्रों तथा सूचना तंत्र शीघ्र लागू किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड परीक्षार्थियों को अपने परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा होगी। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम समय से जारी कर दिया जाए। इसकी पूर्व सूचना अभिभावकों/परीक्षार्थियों को जरूर दी जाए।

उन्होंने कहा कि  9000 से अधिक एएनएम की  नियुक्ति की जारी प्रक्रिया को समयबद्घ ढंग से पूर्ण कराएं। यह राज्य सरकार के प्रथम 100 दिवस की कार्ययोजना में सम्मिलित है। चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता बनी रहे। योग्य अभ्यर्थियों का चयन कर यथाशीघ्र उन्हें नियुक्ति दी जाए।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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