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हेट स्पीचः सपा के वरिष्ठ नेता विधायक आजम खां दोषी करार

क्या है मामला, कब का है मामला, किस अदालत ने दोषी करार दिया है, क्या पड़ेगा असर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विधायक आजम खां को रामपुर में भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) मामले में रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उन्हें दो साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्य रद हो जाएगी।

अपशब्द कहने का आरोप

सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिलाधिकारी को लेकर अपशब्द कहने का आरोप था। यह आरोप अब सिद्ध हो चुका है और आजम खां दोषी करार दिए गए हैं।

रद हो सकती है विधानसभा की सदस्यता

इस मामले में अधिकतम सजा तीन साल की होती है। अगर आजम खां को दो साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता रद हो जाएगी।

कब का मामला
हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) का यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है। रामपुर की मिलक विधानसभा सीट पर एक चुनावी भाषण के दौरान आजम खां ने आपत्तिजनक बातें कही थी।. उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। उस समय इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने पुलिस से की थी।

इसी मामले में आज बृहस्पतिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद आजम खान को दोषी करार दिया है। उन्हें आज ही सजा भी सुनाई जाएगी। आजम खां फिलहाल कोर्ट में नहीं थे। उनके आने की संभावना है। शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना कोर्ट में मौजूद थे।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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