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कानपुर की सड़को पर लगाए गए आपत्तिजनक पोस्टर, सख्ते में आई यूपी पुलिस

असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन [AIMIM] ने कानपुर की गलियों में लगाया बेहद शर्मनाक पोस्टर कट्टरपंथियो को दी महंत यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी का सिर धड़ से अलग करने की शिक्षा.

कानपुर. असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने उत्तर प्रदेश के कानपुर की सड़को  पर लगाए विवादित पोस्टर डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के  ख़िलाफ़ ‘सिर तन से जुदा’ का लगाया पोस्टर. इस पोस्टर में  धारदार हथियार दिखा कर यति नरसिंहानंद और रिजवी का सिर उनके शरीर से अलग दिखाया गया था. एक्शन में आई यूपी पुलिस सोमवार को लगाए गए इस पोस्टर को चुन चुन कर उतारा गया व धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर को लगाने के संबंध में चमनगंज थाने में धारा 153ए, 295 ए के तहत शिकायत दर्ज कर ली है. जल्द ही आरोपितों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी होगी.

खुद यति नरसिंहानंद ने इस पोस्टर को अपने ट्विटर पर शेयर कर लिखा, “यह AIMIM का नहीं इस्लाम का वास्तविक दृश्य है. सामूहिक हिंसा का जन्मदाता है इस्लाम और यह मुहम्मद के अनुयायी असदुद्दीन ओवैसी की राजनीतिक पार्टी AIMIM का बैनर है.”

जानकारी के अनुसार, धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले इस पोस्टर को कानपुर में देखा गया जिस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) कानपुर लिखा है और नीचे एक बच्चा और कुत्ता, रिजवी और नरसिंहानंद के मुँह में पेशाब करता दिखाया गया है.

गौरतलब हो कि इससे पहले मध्य प्रदेश में भी 9 अप्रैल को यति नरसिंहानंद के आपत्तिजनक पोस्टर लगाए जाने के जुर्म के 4 लोगो को गिरफ्तार किया गया था. जिनकी पहचान मातिन अजहरी, शोएब खान, कासिम खान और रजा खान के तौर पर हुई थी. 

आरोपियों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए  ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के जिला प्रभारी नाजिम खान ने कहा था, “पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, हमारे समुदाय के चार सदस्यों को उनका पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।”

आग को हवा देते हुए ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, ” पैगंबर का अपमान बिलकुल बर्दाश्त नहीं है उन्होंने पूछा था, “क्‍या धर्मगुरुओं के वेश में छिपे ये अपराधी इस्‍लाम से अपना अप्राकृतिक जुड़ाव खत्‍म कर सकते हैं? आप जो चीज पसंद नहीं करते, उस पर इतना समय क्‍यों खपाते हैं। मुझे यकीन है कि आपके अपने धर्म में भी काफी कुछ होगा जिस पर चर्चा हो सकती है।”

 

जानिए पूरा मामला क्या है

चंद दिन पहले 1 अप्रैल को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में पैगंबर मुहम्मद की विशेषताओं को उजागर करने में हिंदुओं से निडर होने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था, “अगर इस्लाम की वास्तविकता, जिसके लिए मौलाना कहते हैं कि यदि आप मुहम्मद के बारे में बोलते हैं, तो हम आपका सिर कलम कर देंगे, हिंदुओं को इस डर से छुटकारा मिलना चाहिए हम हिंदू हैं अगर हम भगवान राम, और अन्य हिंदू देवताओं की विशेषताओं के बारे में कह सकते हैं, तो मुहम्मद हमारे लिए कुछ भी नहीं है। हम मुहम्मद के बारे में और सच क्यों नहीं बोल सकते थे?”

इसके तुरंत बाद आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने पैगंबर मुहम्मद की आलोचना के लिए यति नरसिंहानंद सरस्वती का सिर कलम करने का आह्वान किया था जिस के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज आम आदमी पार्टी के विधायक के खिलाफ भी मामले की जांच शुरू की.

वसीम रिजवी से नफरत की वजह

शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल की थी. उनका कहना था कि कुरान की ये 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं, और मदरसो में पढ़ रहे बच्चो के मन में हिंदुओ के प्रति जहर भरती है. वसीम रिजवी की इन बातों को सुनने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय में उनके प्रति खासा आक्रोश दिखाई दे रहा है वसीम के परिवार वालो ने भी उनसे अपने सभी रिश्ते तोड़ लिए है.

ज्ञात हो कि सोमवार 12 अप्रैल 2021 पर इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर वसीम रिजवी की याचिका को खारिज करते हुए उन पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया है.

पूजा उपाध्याय

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