किसान आंदोलनः अब नोएडा विकास प्राधिकरण पर 81 गांवों के किसानों ने दिया धरना
हरौला के बरात घर में इकट्ठा हुए किसान, वहां पंचायत करने के बाद, वहां से प्राधिकरण कार्यालय की ओर रवाना, पुलिस ने रोकने का किया प्रयास, हुई धक्कामुक्की
नोएडा। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में गौतमबुद्ध नगर जिले के 81 गांवों के किसान अपनी मांगों को पूरा कराने और समस्याओं के निराकरण की मांग के समर्थन में नोएडा विकास प्राधिकरण पर धरना दिया। किसानों का धरना अभी जारी है। सुखबीर खलीफा ने कहा है कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा जब तक कि किसानों मांग पूरी नहीं हो जाती और सारी समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता।
हरौला बरात घर पर इकट्टा हुए किसान
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने नोएडा विकास प्राधिकरण पर पहले ही धरने और तालाबंदी की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कार्यक्रम भी घोषित कर दिया था। उन्होंने धरने और तालाबंदी की तैयारी के सिलसिले में विभिन्न गांवों में लोगों से संपर्क किया था। उसी नतीजा था कि आज शुक्रवार को सुबह से ही विभिन्न गांवों से किसानों का हरौला बरात में इकट्ठा होनो शुरू हो गए थे। वहां पर किसानों ने पंचायत की और वहां से एक नोएडा विकास प्राधिकरण पर धरना देने और तालाबंदी के लिए प्रदर्शन करते हुए।
पुलिस से हुई धक्का-मुक्की
किसानों को नोएडा के सेक्टर 6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के ऑफिस की ओर जाने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेटिंग की थी। उन्हें रोकने के लिए विभिन्न तरह के अवरोधक लगाए गए थे। लेकिन किसान इस अवरोध को तोड़कर प्राधिकरण की ओर रवाना होने का प्रयास करने लगे। इस प्रयास में किसानों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई लेकिन किसान प्राधिकरण कार्यालय की ओर जाने में सफल हो गए। वहां उन्होंने प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए।
क्या है किसानों की मांग
गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से अमूमन एक ही तरह की मांग है। वे 10 प्रेसेंट का प्लॉट, आबादी का निस्तारण, लीजबैक, स्वास्थ्य, शिक्षा और पूर्व में हुए समझौतों पर अमल करने की मांग कर रहे हैं।
मांग पूरी होने तक बैठेंग धरने पर
नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय पर हजारों लोगों के साथ धरने पर बैठे भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि किसान तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती। बिना मांग पूरी हुए हम यहां से वापस जाने वाले नहीं हैं। अब किसान आरपार की लड़ाई के लिए मूड में आ गया है। नोएडा विकास प्राधिकरण ने हमारे साथ हुए समझौतों और मांगों को पूरा करने का वादा कर मांगें पूरी नहीं कर धोखा दिया है।
सांसद ने अधिकारियों से कराई थी बात
पिछले आंदोलन में गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा ने किसानों और नोएडा विकास प्राधिकरण, पुलिस अधिकारों से बातचीत कराई थी। उस बातचीत में मांगों को पूरा करने और समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया गया था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी न तो मांग पूरी हुई है और न ही किसी समस्या का समाधान हुआ है। इस कारण फिर से नोएडा विकास प्राधिकरण पर धरना देन को मजबूर हुए हैं। करीब डेढ़ साल पहले किसानों ने 122 दिनों तक लगातार प्रदर्शन किया था तब भी सांसद डॉ.महेश शर्मा और विधायक पंकज सिंह ने मध्यस्थता कर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से समझौता करा दिया था। फिर मांग को पूरी नहीं हुई और न ही समस्याओं का निराकरण हुआ। इससे किसान बेहद नाराज हैं। वे एक स्वर से कहते हैं जो समझौता अब तक अधूरा है, उसे पूरा कराकर ही किसान वापस लौटेंगे। वे अधिकारियों, सांसद और विधायक के झूठे बहकावे में अब नहीं आएंगे। सुखबीर खलीफा ने कहा कि जिस दिन नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ऋतु माहेश्वरी बनी है। उसी दिन से किसानों के हक में निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं। इससे किसानों में भारी आक्रोश है।
समझौते के लिए कई मांग रखी गई थीं, नहीं हुई पूरी
उन्होंने जानकारी दी कि किसानों से समझौते के लिए कई मांग प्राधिकरण के सामने रखे गए थे। इनमें 1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा, चाहे वह कोर्ट गए हों, या नहीं। किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड देने, आबादी जैसी है वैसे ही छोड़ने, विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर करने, भूमि उपलब्धता न होने से पात्र किसानों के 5 प्रतिशत आबादी भूखंड भू-लेख विभाग में नहीं रोके जाएंगे, उनका नियोजन करने, भवनों की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति देने की मांग रखी गई थी। उनका कहना है कि गांवों के आसपास काफी हाईराइज भवन हैं। ऐसे में उनका एरिया लो लॉइंग एरिया में आ गया है। 5 प्रतिशत विकसित भूखंड पर व्यावसायिक गतिविधियां चलाने की अनुमति देने, गांवों के विकास के साथ ही खेल बजट का प्रावधान करने, गांवों में पुस्तकालय बनाने आदि रखे गए थे।