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शुभारम्भः अंतिम वर्ष के विधिक छात्रों के लिए प्रोफेशनल एडवोकेसी स्किल्स कोर्स शुरू

गलगोटिया विश्वविद्यालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. केजे ठाकर व विशिष्ट अथिति वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार विरमानी ने किया पाठ्यक्रम का विमोचन

ग्रेटर नोएडा। गलगोटिया विश्वविद्यालय में रविवार को अंतिम वर्ष के विधिक छात्र के लिए प्रोफेशनल एडवोकेसी स्किल्स कोर्स का शुभारंभ किया गया।

कानूनी सहायता क्लिनिक का उद्घाटन

इस दौरान छात्रों, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए “पेशेवर वकालत” कौशल, मुफ्त कानूनी सहायता क्लिनिक और मध्यस्थता केंद्र का उद्घाटन भी किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह के मुख्य अथिति इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस डॉ0 केजे ठाकर और विशिष्ट अथिति वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार विरमानी ने पाठ्यक्रम का विमोचन किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने अथितियों को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति-चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।

गलगोटिया ऐसे पाठ्यक्रम शुरू करने वाला पहला विवि बना

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर ने इस अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि गलगोटिया विश्वविद्यालय इस तरह के लाभप्रद पाठ्यक्रम को शुरू करने वाला पहला विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि वकीलों को ग्राहकों के साथ उनके डर को कम करने के लिए स्पष्ट रूप से और अक्सर संवाद करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सरल भाषा का उपयोग करने से ग्राहक प्रदान की गई जानकारी को आसानी से समझ सकेंगे। वकीलों के लिए प्रभावी संचार के लिए सुनने का कौशल आवश्यक है और जज का कार्य सत्य की खोज करना है।

व्यावसायिक वकालत विकसित करने पर भी ध्यान दें

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव के विरमानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लॉ स्कूलों को कानून पढ़ाने के अलावा कानूनी सिद्धांत और व्यावसायिक वकालत कौशल विकसित करने पर भी ध्यान देना चाहिए। लॉ स्कूलों में शामिल संचार कौशल कोर्ट रूम में आवश्यक तर्कों और अनुनय के इर्द-गिर्द घूमते हैं।

वकालत करने के साथ बात करना भी कला

इस पाठ्यक्रम के लेखक दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमेरिटस न्यायमूर्ति जेआर मिधा ने कहा कि वकालत करने के साथ बात करना भी एक कला है जो बहुत महत्वपूर्ण है।  आज हम एक नये युग की शुरूआत कर रहे है जिसमें हम छात्रों को विधि के साथ साथ कम्यूनिकेशन स्किलस, एडवोकेसी स्किलस, तर्कसंगत सोच और कानून के मूल सिद्धांतों को भी पढाएंगें।

कार्यक्रम की शुरुआत गलगोटिया विश्वविद्यालय की संचालन निदेशक आराधना गलगोटिया द्वारा दिए गए स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने पेशेवर वकालत पर नए पाठ्यक्रम के उद्देश्य और छात्रों के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। इसके बाद गलगोटिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.)  प्रीति बजाज ने उद्घाटन भाषण दिया। धन्यवाद ज्ञापन स्कूल ऑफ लाॅ की डीन डॉ0 नमिता सिंह मलिक ने दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डाॅ0 अवधेश कुमार और स्कूल के अध्यापक मौजूद रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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