बहुमंज़िला इमारतों में नहीं रुक रहे लिफ्ट हादसे, जानिए रियल स्टेट कारोबार पर हादसों का क्या पड़ रहा है प्रभाव
नोएडा: उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू करने की मांग ज़ोरशोर से उठ रही है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में लिफ्ट से होने वाले हादसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है ।
बीते दिनों ग्रेटर नोएडा में कुछ ऐसे हादसे हुए हैं जिन्होंने प्राधिकरण और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए है ।
लाखों जिंदगी पर मंडरा रहे संकट के बादल, दहशत में बीत रहा जीवन
उत्तर प्रदेश के दिल्ली और एनसीआर में 70 फ़ीसदी इमारतें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में हैं । इन इमारतों में 50 लाख से ज्यादा लोग अपने परिवारों के साथ रहते हैं । इसके साथ ही करीब 3 लाख फ्लैट अभी तैयार हो रहे हैं, जिसमें आने वाले तीन-चार सालों में लोगों का बसना शुरू हो जाएगा । इसके बाद यहां रहने वाले लोगों की जनसंख्या में और ज्यादा इजाफा होगा । इन सोसाइटियों में लिफ्ट गिरना, लिफ़्ट अटकना, लिफ्ट का सेंसर काम न करना यह घटनाएं आम सी हो गई हैं और लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां लोगों की सुरक्षा सवालों के घेरे में हैं।
नोफा अध्यक्ष राजीव सिंह उठा रहे लिफ्ट एक्ट लागू करने की मांग
लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से लिफ्ट एक्ट लागू करने के लिए मांग और ज्यादा तेज हो रही है । नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन नोफा अध्यक्ष राजीव सिंह कहते हैं कि जिस प्रकार सड़क पर चलने के लिए यातायात नियम का होना जरूरी है । उसी प्रकार लिफ्ट एक्ट का होना जरूरी है । लोगों के लिए लिफ्ट एक्ट लागू होना जरूरी है लोगों को लिफ्ट के सफल संचालन के लिए जरूरी पहलुओं का पता होना चाहिए । लेकिन कोई नियम न होने से निर्माण कंपनी व बिल्डर बच जाते हैं उनका कहना है कि लिफ्ट एक्ट लागू होने से लिफ्ट मेंटिनेस होने की अवधि, निर्धारित उम्र, लिफ्ट में आवाजाहित करने वाले ट्रैफिक संचालन के लिए जरूरी मानक संसाधन सहित अन्य नियम लागू हो जाएँगे ।