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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों को प्रोनिंग करने की दी सलाह

94 प्रतिशत ऑक्सीजन होने पर रोगी को इस प्रक्रिया के द्वारा बचाया जा सकता है

लखनऊ :कोरोनावायरस मरीजों को सबसे ज्यादा सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कितनी किल्लत है ,यह पूरा देश देख रहा है। संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से उनकी जानें जा रही हैं । ऐसे में मरीजों का ऑक्सीजन स्तर कैसे सामान्य बनाएं इसके लिए डॉ. प्रोनिंग सबसे अच्छा तरीका बता रहे हैं। इस प्रक्रिया को अपनाने से मरीज के वेंटिलेशन में सुधार करके उसे बचाया जा सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कई कोविड-19 मरीज होम आइसोलेट हैं। उन्हें सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। आइसोलेट हुए मरीजों को डॉक्टर ऑक्सीजन स्तर के सुधार में खुद निगरानी करने की सलाह दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है यदि मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है तो यह तरीका अपनाना चाहिए जो काफी मददगार है।

प्रोनिंग क्या है ?
कोरोना संक्रमित मरीजों के खून में ऑक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से कम होने पर उन्हें तकियों के सहारे पेट के बल लिटाना प्रूनिंग है ,जो ऑक्सीजन के गिरते स्तर को संभालने में मददगार साबित होती है।

तकियों का ऐसे करें इस्तेमाल
प्रोनिंग करने के लिए 4 से 5 तकियों की जरूरत होती है। रोगी को पेट के बल लिटाने के बाद एक तकिया गर्दन के नीचे, फिर एक या दो तकिए गर्दन , छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें। बाकी दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबा कर रखें।

जानिए कैसे करें प्रोनिंग
प्रोनिंग की अवस्था में मरीज को तकिये के सहारे पेट के बल लिटाना चाहिए। यह प्रक्रिया 30 मिनट से लेकर 2 घंटे की होती है। इस प्रक्रिया के द्वारा फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ में यह भी ध्यान देने की जरुरत है कि खाने के तुरंत बाद प्रोनिंग नहीं करनी चाहिए। गर्भावस्था में , गंभीर कार्डिक स्थिति, स्पाइनल ,पेल्विक पिक्चर में प्रोनिंग नुकसानदायक होता है । इससे रोजाना कई चक्रों में किया जा सकता है। जो काफी आरामदायक होता है।

मधुमिता वर्मा

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