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शिवनाडर यूनिवर्सिटी में हत्या-आत्महत्या मामलाः छात्र को पिस्टल उपलब्ध कराने वाला अपने मालिक व उसके साथी समेत गिरफ्तार

पिछले दिनों शिवनाडर यूनिवर्सिटी में छात्रा की हत्या करने के बाद छात्र ने खुद को गोली मारकर हॉस्टल में कर ली थी आत्महत्या, 35 हजार रुपये में खरीदा था पिस्टल

ग्रेटर नोएडा। पिछले दिनों शिवनाडर यूनिवर्सिटी के डायनिंग हाल में छात्रा की गोली मारकर अपने हॉस्टल के कमरे में जाकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले छात्र को पिस्टल उपलब्ध कराने वाले युवक को उसके मालिक और मालिक के साथी के समेत गिरफ्तार कर लिया है। तलाशी के दौरान एक के पास अवैध तमंचा भी बरामद हुआ है।

कौन हैं पकड़े गए आरोपी

थाना दादरी की पुलिस ने आज शनिवार को शिवनाडर यूनिवर्सिटी में छात्रा को गोली मारकर अपने हॉस्टल के कमरे में जाकर खुद भी आत्महत्या करने लेने वाले छात्र को पिस्टल उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है उनकी पहचान नवीन कुमार भाटी (उम्र- 25 वर्ष) निवासी गांव भौरा, थाना ककोड़, जिला बुलन्दशहर, दूसरे दिव्यांश अवस्थी (उम्र 26 वर्ष) निवासी-एन-1- 2103, सुपरटेक सिजार, थाना दादरी, गौतमबुद्धनगर स्थाई पता मं0नं0-59, सदर बाजार, शाहजहांपुर और तीसरे शेखर कौशल (उम्र-23 वर्ष) निवासी-3/216 वास्तु खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें दादरी थाना क्षेत्र के बील अकबरपुर गांव के पास पैरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने वाले कट के पास से गिरफ्तार किया है। छात्रा को गोली मारकर आत्महत्या करने के मामले में दादरी थाने की पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 256/2023 भादवि की धारा 3/25/27 के तहत मुकदमा दर्ज कर तीनों की तलाश शुरू कर दी थी। नवीन भाटी के पास से एक अवैध तमंचा भी पुलिस ने बरामद किया है।

क्या है मामला

शिवनाडर यूनिवर्सिटी में छात्र द्वारा छात्रा की पहले गोली मारकर हत्या करने और बाद में खुद गोलीमार आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने उपरोक्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीनों की तलाश शुरू कर दी थी। इस मामले में शिवनाडर यूनिवर्सिटी में छात्रा को गोली मारकर खुद आत्महत्या करने वाले छात्र के पास मिली पिस्टल के बारे में जानकारी करने पर नवीन कुमार भाटी ने पुलिस को बताया कि मरने वाला छात्र अनुज कुमार उसका जानने वाला था। उसने अप्रैल में मुझसे पिस्टल की मांग की थी। मैंने पिस्टल देने का वादा किया था कि मैं जल्दी ही तुम्हारे लिए पिस्टल का इंतजाम कर दूंगा। इसके बाद मैंने अपने मालिक (दिव्यांश अवस्थी) जो मेरे साथ पकडे गए हैं। वह दिव्यांश अवस्थी के यहां गाड़ी चलाने का काम करता है, उनसे इस बात कि जिक्र किया तो इन्होने कहा कि मेरे फ्लैट पर मेरे दोस्त शेखर कौशल की पिस्टल रखी है।  मैं उससे बात कर तुम्हे पिस्टल दिलवा दूंगा। यही बात उसने अपने मरने वाले दोस्त अनुज को बता दी। कुछ समय बाद दिव्यांश अवस्थी ने मुझसे कहा कि तुझे जो पिस्टल चाहिए था उसके बारे में मैंने अपने दोस्त शेखर कौशल से बात कर ली है। वह पिस्टल देने के लिए तैयार है। जब भी तुझे पिस्टल चाहिए बता देना। पिस्टल तुझे 35,000 रुपये में मिलेगा। मेरे दोस्त अनुज कुमार ने 35,000 रुपये में पिस्टल लेने के लिए हां कर दी। उसने मुझे 25,000 (13000 व 12000) रुपये पेटीएम किए तथा 10 हजार रुपये कैश दिए थे तो मैने अपने मालिक दिव्यांश अवस्थी को बताया कि रुपये आ गए हैं। आप पिस्टल दे दो। दिव्यांश ने बताया कि तुम मेरे फ्लैट सुपरटेक सिजार चले जाओ। वहां मेरा दोस्त शेखर कौशल है। मैं उसे फोन कर देता हूं। वह तुम्हें पिस्टल दे देगा। साथ में 05 कारतूस भी दे देगा। मैं अपने मालिक के फ्लैट पर पहुंच गया जहां पर मुझे शेखर कौशल मिला। उसको मैंने पिस्टल देने के लिए कहा तो अलमारी खोलकर पिस्टल निकाली और 5 कारतूस भी दिए। जिन्हें मैंने लेकर अपने दोस्त अनुज कुमार को दिया था।

पिस्टल बेचने से मिले रुपये बांट लिए थे

नवीन ने पुलिस को बताया कि हमने न्यूज पर देखा कि शिवनाडर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र ने पहले एक लड़की को गोली मारी और फिर खुद को गोली मार ली। वह लड़का मेरा ही दोस्त था। वह पिस्टल उसने हमसे ही ली थी। हमें उसने यह बताया था कि मैं शौकियाना पिस्टल रखना चाहता हूं ताकि कॉलेज के लडकों को दिखा सकूं। पिस्टल देकर जो 35 हजार रुपये मिले थे, वे हमने आपस में बांट लिए थे जिनमें से पांच हजार रुपये मुझे और 15000-15000 रुपये दिव्यांश अवस्थी व शेखर कौशल के हिस्से में आए थे।, वे रुपये हमसे खर्च हो गए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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