ग्रेनो वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज-2 में दूषित पानी की सप्लाई का मामला, एनजीटी ने डीएम और ग्रेनो प्राधिकरण को नोटिस भेजा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Federal Bharat news): रियल एस्टेट बिल्डर सुपरटेक की इको विलेज-11 सोसाइटी में दूषित पानी पीकर रेजिडेंटस के बीमार पड़ने के मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(NGT)। ने काफी गंभीरता से लिया है। (NGT) ने इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के डीएम और ग्रेनो प्राधिकरण को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
सोसायटी के पानी में मिला था ई कोली बैक्टीरिया
एनजीटी ने नोटिस का एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगी है। इको विलेज में दूषित पानी की वजह से 2000 से अधिक लोग डायरिया के शिकार हो गए थे। पानी के नमूनों की जांच में ई कोली बैक्टीरिया और ब्लीचिंग पाउडर होने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में NGT ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए डीएम और नोएडा विकास प्राधिकरण को नोटिस भेजा है।
केमिकल की वजह से हुआ पानी दूषित
उल्लेखनीय है कि पानी की टंकियों की सफाई के दौरान उनमें केमिकल मिला था। स्थानीय रेजिडेंस का कहना था कि टंकी को साफ करने के लिए केमिकल डाला गया था, आशंका है कि केमिकल पूरी तरह से साफ नहीं हुआ और केमिकलयुक्त पानी पीने से भारी संख्या में लोग बीमार पड़ गए, अधितकर लोगों को डायरिया की शिकायत हुई।
मेंटीनेस विभाग नहीं करता सुनवाई
सुपरटेक ईको विलेज-2 के टावर बी-2 की शैफाली पायल ने कहा था कि मेंटेनेंस की राशि चुकाने के बावजूद यहां समस्याओं की भरमार है। दूषित पानी और नियमित सफाई नहीं होना आम शिकायतें हैं। अंडरग्राउंड पार्किंग की की स्थिति काफी भयावह है। वहां दुर्गंध की वजह से ऐसा महसूस होता है मानो दिमाग की नशे फट जाएंगी। इस बारे में मेटेनेंस से शिकायत करने पर उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।
ईको विलेज-1 सोसायटी में निकले थे कीड़े
ग्रेनो वेस्ट की इको विलेज वन सोसायटी के फ्लैटों में मंगलवार सुबह गंदाऔर दूषित पानी पहुंचा। पानी में कीड़े निकले हैं। इसकी शिकायत मेंटेनेंस के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से की है। आरोप है कि टैंकों की सफाई समय से नहीं की जा रही हैं। दूषित पानी पीने से बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं।