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अवसरः ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारतीय छात्रों एवं कुशल कर्मचारियों के लिए रास्ते खोले

फेडरल गवर्नमेन्ट ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने ऑस्ट्रेलिया में लिटल इंडिया के विकास के लिए 3.5 मिलियन डॉलर का अनुदान दियाःदेशवाल

नोएडा। लिटल इंडिया, हैरिस पार्क बिज़नेस एसोसिएशन इंक के प्रेसिडेंट संजय देशवाल ने कहा कि कोविड महामारी के बाद अन्तरराष्ट्रीय यात्रा फिर से सामान्य हो गई है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय छात्रों एवं कुशल कर्मचारियों के लिए शानदार भविष्य बनाने के लिए अपने रास्ते खोल दिए हैं। ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय लोग उत्कृष्ट अवसरों के लिए ऑस्ट्रेलिया को चुनें, इसके मद्देनज़र साझेदारी को सशक्त बनाते हुए, फेडरल गवर्नमेन्ट ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने ‘लिटल इंडिया’ (हेरिस पार्क, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया) के विकास के लिए 3.5 मिलियन डॉलर का अनुदान दिए हैं। वह यहां बुधवार को मीडिया कर्मियों को संबोधित कर रहे थे।

इसलिए की गई लिटिल इंडिया की स्थापना

उन्होंने कहा कि सिडनी, ऑस्ट्रेलिया के बीचोंबीच स्थित ‘लिटल इंडिया’ भारत की सांस्कृतिक भावनाओं और मूल्यों का प्रतीक है। विशेष सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक पहचान बनाने के दृष्टिकोण से लिटल इंडिया की स्थापना की गई है। लिटल इंडिया में निवेश का फैसला, ऑस्ट्रेलियाई सरकार का उल्लेखनीय कदम है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि ऑस्ट्रेलिया अपने सुरक्षित वातावरण में अच्छा भविष्य बनाने के लिए भारतीयों का स्वागत कर रहा है।

बुनियादी सुविधाओं का होगा विकास

उन्होंने कहा कि 3.5 मिलियन डॉलर की इस अनुदान राशि का उपयोग क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास तथा इसे पर्यटन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। भारत के गर्व ‘इंडिया गेट का प्रतीक’ इस क्षेत्र में रीक्रिएट किया जाएगा। यह ऐसी स्थायी संरचना के निर्माण का ऐतिहासिक कदम है, जो भारत का प्रतीक है और भारत को सलाम करता है।

सपने का साकार करने में लगे वर्षों

उन्होंने कहा कि लिटल इंडिया के सपने को साकार करने में कई साल लगे। हमें गर्व है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के लिए हमें ऑस्ट्रेलिया सरकार से इतना मजबूत समर्थन मिला है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे भारतीयों के माइग्रेशन को आसान बनाएंगे। उन्हें ऑस्ट्रेलिया में अच्छा जीवन व्यतीत करने में मदद करेंगे। क्योंकि वे इस बात को समझ रहे हैं कि युवा भारतीयों में अपार क्षमता है। इसी को ध्यान में रखते हुए ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों एवं कुशल पेशेवरों के लिए अवसरों के दायरे को बढ़ा रहा है।

अनुदान राशि महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी

देशवाल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा लिटल इंडिया के विकास के लिए दी गई अनुदान राशि बुनियादी सुविधाओं, सुरक्षा तथा प्रोमोशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हम भारत और भारतीयों को सलाम करने के लिए लिटल इंडिया में इंडिया गेट भी बना रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक विकास कार्य है, क्योंकि इससे पहले इस तरह का कार्य कभी नहीं किया गया है।

कामयाबी से कर रहे कारोबार

संजय देशवाल ऑस्ट्रेलिया में सफलतापूर्वक रह रहे हैं और अपना कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने यहां भारतीय समुदायों के लिए उल्लेखनीय काम किया है। वे अधिकारियों एवं सरकार के साथ मिलकर प्रवासी भारतीयों की स्थिति में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

हम भी ऐसा निर्माण करना चाहते हैं

डॉ एंड्रयु चार्लटन, पैरामैट्टा फेडरल एमपी (कैनबेरा), फेडरल चेयर ऑफ पार्लियामेंटरी फ्रैंड्ज़ ऑफ इंडिया ग्रुप ने लिटल इंडिया और प्रवासी भारतीयों के बारे में बात करते हुए कहा कि हम ऐसे लिटल इंडिया का निर्माण करना चाहते हैं, जिस पर सभी को गर्व हो। अगले कुछ सालों में हम जब रिटायर हों और वापस लौटें। मैं चाहूंगा कि लिटल इंडिया एक सफल पर्यटन गंतव्य बन जाए। हम ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच के रिश्तों को मजबूत बनाना चाहते हैं। यहां आने वाले प्रवासी भारतीय ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों का सबसे बड़ा समुदाय बनाते हैं। वे पहले से चीन और यूएस को पीछे छोड़ चुके हैं। भारतीय छात्र एवं भारत से आने वाले अन्य प्रवासी ऑस्ट्रेलिया के लिए उपहार हैं। वे देश के लिए बहुत कुछ करते हैं, वे अधिक पढ़े-लिखे हैं, मेहनती हैं और बहुत ज़्यादा कर चुकाते हैं।’’

बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं

डॉ ज्यॉफ्री ली, मिनिस्टर फॉर कनेक्शन्स (पहले मिनिस्टर फॉर स्किल्स एण्ड टर्शरी एजुकेशन), एमपी पैरामेट्टा, एनएसडब्ल्यू, पार्लियामेन्ट, ऑस्ट्रेलियो ने भारतीय प्रवासियों के बारे में बात करते हुए कहा कि आधुनिक ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं, खासतौर पर पिछले 20 सालों में यहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी आए हैं। वे सर्वश्रेष्ठ प्रवासी हैं, क्योंकि वे कड़ी मेहनत करते हैं, समुदाय की परवाह करते हैं और सफल हैं। आने वाले समय में जब तक मैं सत्ता में हूं, उन्हें अपना सहयोग एवं समर्थन देता रहूंगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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