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सब्र का बांध टूटाः वे करते रहे वीआईपी का इंतजार, जनता ने खुद खोल दिया पर्थला ब्रिज

नोएडा विकास प्राधिकरण ने आज ब्रिज को खोलने का किया था वादा लेकिन नहीं खोला तो लोगों ने ही खोल दिया, आवागमन शुरू

नोएडा। इंतजार करते-करते आखिर जनता के सब्र का बांध टूट ही गया। लोग अर्से से पर्थला ब्रिज के खोले जाने का इंतजार कर रहे थे। इस ब्रिज के खोल देने से लोगों को विभिन्न स्थानों आने-जाने में कम दूरी तो करना ही पड़ता, समय की भी बचत होती। लोग इंजतार से आजिज आकर खुद ही पर्थला ब्रिज को खोल दिया। ब्रिज खुल जाने से आवागमन शुरू हो गया।

 

 

आज खोलने का था वादा

नोएडा विकास प्राधिकरण ने पर्थला ब्रिज को आज खोलने को कहा था। ब्रिज खोलने के लिए वह किसी वीआईपी से समय मिलने का इंतजार कर रही थी लेकिन किसी के पास भी इसे खोलने का समय नहीं मिला। लोगों ने दोपहर तक ब्रिज के खोले जाने का इंतजार किया। ब्रिज खुलता न देखकर दोपहर में लोगों ने खुद ही ब्रिज को खोल दिया। ब्रिज के खुल जाने से लोग खुश हैं। लोगों ने इसी ब्रिज से आवागमन भी शुरू कर दिया है।

गंतव्य तक जाने में कम दूरी व समय लगेगा

 

पर्थला ब्रिज के खुल जाने से लोगों को विभिन्न सेक्टरों में पहुंचने में आसानी तो होगी ही समय भी कम लगेगा। इस ब्रिज के खुल जाने से नोएडा के सेक्टर 51, 52, 61, 70, 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 121, 122 और किसान चौक की ओर जाने और आने में आसानी होगी। दिल्ली से गाजियाबाद और हापुड़ की ओर से जाने-वाने वाले लोग आसानी से और कम समय में आ-जा सकेंगे। दूरी भी कम हो गई है।

जाम से छुटकारा मिलने की उम्मीद

पर्थला ब्रिज से आवागमन शुरू हो जाने से वाहनों को जाम में फसने से छुटकारा मिल जाने की उम्मीद बंधी है। वरना इस ब्रिज के शुरू नहीं होने से वाहन अक्सर जाम में घंटों फंसे रहते थे। अब लोग इससे छुटकारा पाकर कम समय में ही लोग अपने गंतव्य को आ-जा सकेंगे। पर्थला गोलचक्कर पर बनाया गया केबल सस्पेंशन ब्रिज बेहद खूबसूरत है। इस परियोजना पर इसी साल अप्रैल ही लोकार्पण की तैयारी थी लेकिन जनता को सौंपने के लिए वीआईपी का इंतजार होता रहा। इसी चक्कर में इसे खोला नहीं जा रहा था। इस ब्रिज तक पहुंचने के लिए ग्रेटर नोएडा की ओर से 207 मीटर लंबा रैंप बनया गया है। नोएडा की ओर से बनाए गए रैंप की लंबाई 287 मीटर है। इसमें 220 गार्डर और तीन पिलर बनाए गए हैं। ब्रिज की लंबाई 600 मीटर है। यह 6 लेन की है।

दो साल से अधिक समय लगा बनने में

इस ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने में दो साल से अधिक समय लगा। ब्रिज दिसंबर 2020 में बनना शुरू हुआ था। जून 2022 में ही निर्माण पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन पूरा नहीं हुआ। नई तारीख 31 मार्च 2023 निर्धारित की गई थी लेकिन उस पर भी काम पूरा नहीं हुआ। अब इसका निर्माण कार्य मई के अंत पूरा होकर शुरू होने का इंतजार किया जा रहा था। निर्माण कार्य पूरा भी हो गया। लेकिन खोला नहीं गया था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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