crimeउत्तर प्रदेशलखनऊ

राहतः मणिपुर से अबतक 130 छात्रों की सकुशल उत्तर प्रदेश वापल लाए गए, कई ने वापस आने से किया इन्कार

गुरुवार को 32 और छात्र लौटे अपने घर, 12 छात्रों को शुक्रवार को लाया जाएगा उप्र, मणिपुर में छिड़ी हिंसा के बीच उप्र के बच्चों के लिए योगी सरकार चला रही अभियान

लखनऊ। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच उत्तर प्रदेश के छात्रों को वहां से तेजी से निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। योगी सरकार इसे लेकर सभी जरूरी एहतियात बरतने के साथ ही अबतक 130 छात्रों को सकुशल वापस ला चुकी है। गुरुवार को भी 32 छात्रों को उप्र लाया गया। शुक्रवार को 12 छात्र उप्र वापस लाए जाने वाले हैं। ये सभी छात्र अलग-अलग रूट से दिल्ली लाए जा रहे हैं। वहीं गुरुवार को सभी 32 छात्र सीधे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। इससे पहले, मंगलवार और बुधवार को योगी सरकार ने विशेष अभियान चलाकर 98 छात्रों को वापस लाने में कामयाब रही है। ये सभी छात्र मणिपुर के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में अध्ययन कर रहे थे और वहां उपजे हिंसा के हालातों के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें तत्काल वापस लाने का निर्देश दिया था।

एक्शन मोड में हैं टीमें

प्रदेश के राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि ज्यादातर छात्रों को मणिपुर से निकाल लिया गया है। गुरुवार को 32 छात्रों के आने के बाद अब शुक्रवार को 12 छात्रों को वापस लाने की कवायद चल रही है। अब वहां केवल 16 बच्चे रह जाएंगे। इनमें से 5 ने वापस आने से मना कर दिया है, जबकि 11 छात्र अपने स्तर से ही वापस आ रहे हैं। राहत आयुक्त ने बताया कि हमारी प्राथमिकता है कि उप्र के जो भी छात्र मणिपुर में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित ढंग से वापस लाना है। पहले हमें 136 छात्रों के मणिपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिस पर अभियान चलाकर उन्हें वापस लाने की कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद 22 और छात्रों के बारे में पता लगा। अब उन्हें भी वापस लाने के लिए एक्शन मोड में टीमें जुटी हुई हैं।

लग्जरी बसों, कार से घर भेजे जा रहे छात्र

राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से लग्जरी बसों और कारों से सुरक्षित उनके घरों के लिए रवाना किया जा रहा है। इस अभियान के तहत मणिपुर से आने वाले सभी छात्रों की उचित देखभाल की जा रही है। दिल्ली उतरने वाले छात्रों को पहले एयरपोर्ट से आरसी ऑफिस और फिर उप्र भवन पहुंचाया जा रहा है, जहां इनके खाने-पीने और सोने की व्यवस्था है। इसके बाद छात्रों को उनके घरों के लिए भेजने की व्यवस्था की गई है। वहीं लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरे छात्रों को वोल्वो बसों से उनके घरों तक भेजा जा रहा है, जबकि जो छात्र पास के इलाकों से हैं उनके लिए कार का प्रबंध किया गया है।

किसी छात्र को खरोच तक नहीं आई

राहत आयुक्त के अनुसार प्रदेश सरकार की ओर से 24×7 हेल्पलाइन 1070 स्थापित की गई है। इसमें यदि किसी और छात्र के वहां होने की जानकारी मिलेगी तो उसे भी वहां से निकालने के लिए जो भी संभव होगा वो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मणिपुर की सरकार की ओर से उप्र के छात्रों को निकालने में भरपूर सहयोग मिला है। उप्र के छात्रों को वहां एक बस से एयरपोर्ट लाने की सुविधा दी गई है। इसलिए कोई भी छात्र किसी तरह की हिंसा का शिकार या घायल नहीं हुआ है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close