बेचैनीः बिल्डरों ने मुख्यमंत्री से मांगा मिलने का समय, 16 हजार करोड़ के नोटिस पर मची खलबली
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों शुरू की वसूली की प्रक्रिया, नोटिस जारी
नोएडा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा विकास प्राधिकरण ने बकायेदार बिल्डरों से धनराशि वसूली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के तहत सोमवार को समीक्षा बैठक के बाद नोएडा विकास प्राधिकरण ने 15 बकायेदार नामी बिल्डरों को नोटिस जारी कर दिया है। अन्य बिल्डरों की बकाया धनराशि का फिलहाल आकलन किया जा रहा है। आकलन का कार्य पूरा होने के बाद उन्हें भी इसी सप्ताह में नोटिस जारी किया जाएगा।
बिल्डरों में मची खलबली
नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा वसूली के लिए बिल्डरों को नोटिस जारी करने के बकायेदार बिल्डरों में खलबली मच गई है। उनमें इतनी बेचैनी है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। उन्होंने उनसे मिलने का समय मांगा है।
15 दिन में जमा करनी होगी बकाया राशि
नोएडा विकास प्राधिकरण ग्रुप हाउसिंग के ओएसडी प्रसून द्विवेदी ने इस बारे में बताते हैं कि सभी बकायेदार बिल्डरों से नोएडा विकास प्राधिकरण वसूली करेगा। इसके लिए सोमवार को 15 बकायेदार बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के जरिये उन्हें 15 दिनों में बकाया धनराशि को जमा करने का आदेश दिया गया है। अन्य बिल्डरों पर बकाया धनराशि का आकलन किया जा रहा है। आकलन का काम पूरा होने के बाद उन्हें भी नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस जारी करने कार्य इसी सप्ताह होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को दिया था फैसला
गौरतलब है कि इसी महीने की सात तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को निष्प्रभावी करते हुए नोएडा विकास प्राधिकरण की ब्याज दर के हिसाब से बिल्डरों को बकाये का भुगतान करने का आदेश दिया था। ग्रुप हाउसिंग की 116 परियोजनाएं हैं। इनमें से 75 परियोजनाओं पर नोएडा विकास प्राधिकरण का 16 हजार करोड़ रुपये बकाया है।
बिल्डर लॉबी बेचैन
बकाया धनराशि को 15 दिनों में नोटिस मिलने के बाद बिल्डरों में बेचैनी है। कई बिल्डरों ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा है। उनको पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद कोई न कोई बीच का रास्ता निकल आएगा।
सीईओ ने दिए वसूली के आदेश
नोएडा विकास प्राधिकरण की बीते सोमवार को हुई बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ऋतु माहेश्वरी ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि बड़े बकायेदारों को नोटिस जारी कर वसूली की कार्यवाही करें। जो धनराशि जमा नहीं कर रहे उनके भूखंड निरस्त कर दिए जाएं। जो प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, उनमें अधिवक्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर अतिशीघ्र पूरा कराएं।