बिल्डरों को झटकाः सुप्रीम कोर्ट ने 8 प्रतिशत ब्याज दर को सीमित करने का आदेश वापस लिया
वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 15-23 प्रतिशत की ब्याज दर को आठ प्रतिशत पर सीमित करने का आदेश दिया था
नोएडा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिल्डरों द्वारा भूमि की लागत के भुगतान में देरी के लिए अपने 2020 के आदेश को वापस ले लिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वापस लेने से विकास प्राधिकरणों को अब लाभ होगा। पहले के आदेश से नुकसान हो रहा था।
पहले के आदेश को वापस लिया
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने जून 2020 के उस आदेश को वापस ले लिया जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों द्वारा भूमि की कीमत के भुगतान में देरी पर 15-23 प्रतिशत की ब्याज दर को 8 प्रतिशत पर सीमित करने का आदेश दिया गया था।
विकास प्राधिकरणों को नुकसान था
इस मामले की सुनवाई के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भुगतान में देरी के लिए ब्याज दर को आठ प्रतिशत पर ही सीमित करने के आदेश से विकास प्राधिकरणों को 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इस आदेश से प्राधिकरणों को नुकसान और बिल्डरों को लाभ होगा। अधिकारियों ने पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को वापस लेने का आग्रह किया था।