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खून के रिश्तों में संपत्ति स्थानांतरण पर स्टांप ड्यूटी माफ

योगी सरकार की मंत्रिमंडल ने इस फैसले को पारित किया, लोगों की मिली बड़ी राहत

लखनऊ। खून के रिश्तों में अगर प्रॉपर्टी (संपत्ति) ट्रांसफर (स्थानांतरित) होती है, तो अब स्टांप रजिस्ट्री नहीं देनी पड़ेगी। योगी सरकार ने कैबिनेट में इस फैसले को पारित कर दिया है। अब महज छह हजार रुपये के खर्च पर लाखों-करोड़ों की प्रॉपर्टी को ट्रांसफर किया जा सकता है। अभी तक सात फीसदी स्टाप ड्यूटी देनी पड़ती थी।

योगी सरकार के मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद अब महज पांच हजार रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री हो जाएगी। इसके अलावा एक हजार रुपये प्रॉसेसिंग फीस देनी होगी। सरकार ने इस कैटेगरी में परिवार के अंदर पिता, माता, पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्र वधू, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र और पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे। अभी तक इनको भी सरकारी रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ता था।

मसलन, अगर डीएम सर्किल रेट के हिसाब से अगर कोई 50 लाख की संपत्ति है, तो उसके लिए कम से 4.20 लाख रुपये खर्च करने पड़ते थे। अब यह काम छह हजार रुपये में होगा। यानी परिवार का करीब 4 लाख 14 हजार रुपये बचेगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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