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नोएडा में आवारा कुत्तों का आतंक, रोजाना लोग बन रहे है कुत्तों का शिकार, प्राधिकरण नहीं ले रहा कोई सुध, समाजसेवी ने किया प्राधिकरण के खिलाफ लड़ाई का एलान

नोएडा: गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से डेढ़ महीने बाद हुई बच्चे की मौत के बाद एनसीआर में कुत्तों पर लगाम लगाने की कवायद तेज हो गयी है। समाजसेवियों ने कुत्ता प्रेमियों के खिलाफ हमला बोल दिया है। समाजसेवी जोगिन्दर सिंह ने नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्धनगर प्रशासन से सवाल पूछा है कि आखिरकार आवारा कुत्तों को नोएडा से बाहर कब किया जाएगा।
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या 50 हजार से ज्यादा है। नोएडा प्राधिकरण के ऐप पर करीब 10 हजार कुत्तों के पंजीकरण हुए हैं। हालाँकि प्राधिकरण का तर्क है कि 40 से 45 हज़ार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। इसके बाद भी ऐसी घटना काम होने का नाम नहीं ले रही है और लगातारकुत्ते लोगों को अपना शिकार बनाते जा रहे हैं। बीते महीने भी लोटस बुलवर्ड सोसाइटी में आवारा कुत्तों ने एक छोटे बच्चे को नोच नोच कर घायल कर दिया थ। जिसके बाद उस बच्चे की मौत हो गई थी। सर्वे की मानें तो शहर में 50 हजार आवारा कुत्ते हैं, इनमें से 22 हज़ार बहुत ज्यादा खूंखार हैं । ये कुत्ते आए दिन किसी ना किसी को काटकर अपना शिकार बनाते हैं।

कुत्तों को पकड़ने के लिए दो एजेंसी पेपर में कर रही है काम

प्राधिकरण की दो एजेंसी शहर के अलग-अलग हिस्से में काम कर रहे हैं। प्राधिकरण का दावा है कि रोजाना वो 100 कुत्तों को पकड़कर नसबंदी का टीका लगाकर वापस उसी जगह छोड़ देती है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। कुत्ते काटने की ज्यादा शिकायत आने पर उस कुत्ते को सेक्टर 94 की सेंटर पर लाया जाता है। वहां दो हफ्ते तक उस कुत्ते को रखा जाता है और उसके व्यवहार में बदलाव लाया जाता है।

जोगिन्दर सिंह लड़ रहे है लम्बे समय से लड़ाई

कुत्ता काटने वाली घटनाओं के खिलाफ जोगिन्दर सिंह बड़े लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहे है। जोगिन्दर सिंह कोर्ट तक गए और उन्होंने लड़ाई लड़ी। उनका कहना है कि प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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