Greater Noida West News : रजिस्ट्री के मुद्दे पर नेताओं और संगठनों में लगी श्रेय लेने की होड़, विधायक गुट की रश्मि पांडेय ने अब सांसद से मिलाया हाथ
नोएडा : फ्लैट बायर्स के मुद्दे पर नेताओं और संगठनों में श्रेय लेने की होड़ मच गयी है। गौतमबुद्धनगर में सभी बायर्स संगठनों को नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। लेकिन अब ये संगठन कब पासा पलट लें, इस बात की कोई भी गारंटी नहीं है। अब विधायक धीरेन्द्र सिंह के गुट की गौतमबुद्धनगर विकास समिति की अध्यक्ष ने अपना पाला बदल दिया है। गुरुवार को वह सांसद महेश शर्मा के गुट में शामिल हो गयी और सांसद के नेतृत्व में जाकर केंद्रीय मंत्री को मेट्रो लाने के लिए ज्ञापन दिया। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह के सांसद के आवास पर आने के बाद से कई विधायक खेमे के संगठन सांसद के खेमे में आना चाहते थे। अब रजिस्ट्री वाले मुद्दे को आधार बनाकर नेफोमा के अन्नू खान और गौतमबुद्धनगर विकास समिति की रश्मि पांडेय सांसद के पाले में आ गए है।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक सिंह के विधायक से करीबी होने की वजह से बदला पाला
सांसद महेश शर्मा के साथ पहले नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक सिंह की नज़दीकियां जगज़ाहिर थीं। उत्तर प्रदेश सरकार में विधायक धीरेन्द्र सिंह के बढ़ते प्रभाव के कारण अभिषेक सिंह धीरेन्द्र सिंह के पाले में चले गए। विधायक के जन्मदिन पर भी अभिषेक सिंह को रबूपुरा कार्यालय पर देखा गया। बताया जा रहा है कि अभिषेक सिंह के बढ़ते कद के कारण अन्नू खान और रश्मि पांडेय ने सांसद का दामन अब खुले तौर पर थाम लिया है। पिछले कई महीनों से विधायक धीरेन्द्र सिंह नोएडा सक्रिय नहीं है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधायक को भी ये अहसास हो गया है कि महेश शर्मा का टिकट कटना मुश्किल होगा। क्योंकि खुद गृह मंत्री अमित शाह सांसद के आवास पर आकर टिकट कटने की अफवाहों को विराम दे चुके है। यही कारण है कि अन्नू खान और रश्मि पांडेय ने अपने भविष्य को देखते हुए सांसद के पाले में जाने में ही भलाई समझी है।
जिस नेता का पलड़ा भारी, उसी के पाले में चले जाते है संगठन
गौतमबुद्धनगर विकास समिति बनाने से पहले रश्मि पांडेय अन्नू खान के संगठन में थीं। नेफोमा का साथ छोड़कर उन्होंने गौतमबुद्धनगर विकास समिति बनाई। समिति ने कोई ऐसा कार्य पिछले महीनों में किया हो, जो यादगार हो। वो मुश्किल है। अब विधायक का साथ छोड़कर सांसद के पाले में जाने से ये साफ़ हो गया है जिन नेताओं का पलड़ा भारी होता है। ये उन्हीं को विकास कार्यों का श्रेय देते है।