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उत्तर प्रदेशलखनऊ

यह बजट नहीं बंटवारा है, सभी वर्ग को धोखा देने वाला

विधानसभा सदन में नेता प्रतिपक्ष का बजट पर चर्चा के दौरान कहा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्री अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले दिनों वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा सदन में पेश किया गया बजट समाज के सभी वर्ग को धोखा देने वाला बजट है। दरअसल ये बजट नहीं बल्किन बंटवारा है। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव विधानसभा सदन में प्रदेश बजट पर बोल रहे थे।

उन्होंने बजट को किसानों को धोखा देने वाला बजट करार दिया और कहा कि बजट में किसानों के कल्याण के लिए कुछ है ही नहीं। सरकार ने किसानों की दोगुनी आय करने का भरोसा दिया था लेकिन कैसे होगा, बजट में कुछ बताया ही नहीं गया है।

उन्होंने राज्य सरकार के इस दावे को खोखला बताया कि उत्तर प्रदेश में निवेश हुआ है। वास्तव में प्रदेश में कोई निवेश ही नहीं हुआ है। निवेश यदि हुआ है तो कहां हुआ, इस बारे में सरकार नहीं बता पा रही है। उन्होंने पूछा कि जितने का बजट पेश किया गया है, क्या उसे खर्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र (हेल्थ सेक्टर) में  इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और स्टॉफ है ही नहीं। जो पद रिक्त हैं उन्हें भरा ही नहीं गया है। उन्हें कब भरा जाएगा, यह बताया ही नहीं गया है।

उन्होंने कहाकि आवासीय क्षेत्र (हाउसिंग सेक्टर) का बहुत बुरा हाल है। हाउसिंग सेक्टर के सारे काम ठप पड़े हैं। जो परियोजनाएं हैं वे आधी-अधूरी हैं। उन्हें कब पूरा किया जाएगा, इसका कुछ अता-पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। कुछ शहरों को स्वच्छ घोषित किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के भी शहर शामिल हैं। इसके विपरीत आज शहरों में गंदगी की भरमार है। शहर से लेकर गांवों तक गंदगी फैली है। कोई भी ऐसा शहर या गांव नहीं है जिसमें गंदगी की भरमार न हो। फिर भी कुछ शहरों को स्वच्छ घोषित कर उन्हें पुरस्कृत भी कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को लैपटॉप देने का वाद किया गया था। यह वादा ही रहा। किसी विद्यार्थी को लैपटॉप मिला नहीं। इसे आप दे नहीं सकते, इसलिए टैबलेट दे रहे हैं।

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान प्रदेश में बिजली की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग हमारी ग्रोथ के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। पांच साल में बिजली विभाग में कोई काम नहीं हुआ। बिजली विभाग के बजट में कोई ग्रोथ नहीं है। बिजली विभाग में कोई काम नहीं होने का खामियाजा आज प्रदेश की जनता भुगत रही है।

उन्होंने कहा कि डेयरी के क्षेत्र में कोई काम नहीं हो रहा है। इसे आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। न ही इसका बजट में कोई चर्चा है। डेयरी के क्षेत्र को पीछे करने का काम जरूर हो रहा है। पराग के बजट को कम कर दिया गया है। डेयरी विकास में कुछ खास नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों और फैसलों से गायों की संख्या लगातार कम हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि गाय के दूध के लिए भी बजट होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कन्नौज की पहचान इत्र से है गोबर नहीं। कन्नौज में हमें पर्फ्यूमरी पार्क चाहिए।

मिर्जापुर का सोलर प्लांट समाजवादियों की देन है।

उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल गोल्स पर सदन में खूब चर्चा हुई। ग्वालियर से लिपुलेक तक सड़क मांगी थी। उन्होंने पूछा कि सरकार बताएं ये सड़क किस स्टेज पर है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं बल्कि क्राइम है। यहां ईज ऑफ डूइंग क्राइम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि सहायक नदियां साफ होने से ही गंगा साफ होंगी। सहायक नदियों को साफ-सुथरा रखने की कोई योजना सरकार ने नहीं बताई है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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