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उमेश पाल हत्याकांडः एक सप्ताह में ही दूसरा शूटर विजय उर्फ उस्मान मुठभेड़ में मारा गया

प्रयागराज के लालपुर निवासी उस्मान उमेश पाल की हत्या के बाद छुपकर रह रहा था, एसओजी की टीम ने कर ली थी घेराबंदी  

लखनऊ। प्रयागराज से बसपा के विधायक रहे राजूपाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह एवं उनके रिश्तेदार अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या का दूसरे शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी को सोमवार की तड़के हुई मुठभेड़ में एसओजी ने मार गिराया। इससे पहले एक अन्य शूटर पहले ही मुठभेड़ में मारा जा चुका है। एक सप्ताह के दौरान यह दूसरी मुठभेड़ हुई जिसमें उमेश पाल हत्याकांड में कथित रूप से शामिल दूसरा शूटर मार गिराया गया है।

क्या है मामला

बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के पुलिस के चश्मदीद गवाह अधिवक्ता उमेश पाल थे। उमेश पाल की इस साल बीते महीने 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई। उनकी हत्या में गोलियों का खुलकर उपयोग तो हुआ ही, बम भी खूब चलाए गए।

उमेश पाल हत्या कांड में कथित रूप से शामिल दूसरे शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी की मौत का पुलिस फिलहाल आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं कर रही है लेकिन भरोसमंद सूत्र बताते हैं कि शूटर उस्मान मुठभेड़ में मारा गया है।

लालपुर में छुपा था उस्मान

सूत्र बताते हैं कि उमेश पाल की हत्या के बाद शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी प्रयागराज के कौंधियारा के लालपुर में छुपकर रह रहा था।  उस्मान लालपुर का ही निवासी था। एसओजी की टीम को उसके यहां होने की भनक लगी थी। इस पर उसने उसकी घेराबंदी कर दी। इस पर उस्मान ने एसओजी टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। एसओजी की टीम ने भी जवाबी फायरिंग की। सूत्रों ने बताया कि उस्मान चौधरी को दो गोलियां लगी हैं। इससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। एसओजी की टीम उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अपनी हिरासत में इलाज के लिए अस्पताल ले गई जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डाक्टरों ने किया मृत घोषित

मुठभेड़ में शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी बुरी तरह से घायल हो गया हो गया था जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहां डाक्टरों ने उसकी जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सूत्रों का दावा है कि उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाला उस्मान चौधरी ही था।

उमेश पर पहली गोली उस्मान ने ही चलाई थी

विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के पुलिस के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में उस समय गोली मारकर हत्या उस समय कर दी गई थी जब वह अदालत से घर पहुंचे थे। उन पर सबसे पहले गोली चलाने वाले शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी ही था। उमेश पाल हत्याकांड के समय यह शूटर उस्मान चौधरी दुकान में छिपा था, और जैसे ही उमेश पाल गाड़ी से बाहर निकले इसने सबसे पहली गोली चलाई थी।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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