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शहरी निकाय चुनावः जमानत धनराशि को वापस पाने के लिए शर्तों को प्रत्याशी करें पूरा

राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश के निर्देशों के तहत ही वापस या जब्त होगी जमानत की धनराशि

नोएडा। यदि आप शहरी स्थानीय निकाय का चुनाव लड़े हों और जमा की गई जमानत की धनराशि वापस पाना चाहते हों तो शीघ्र ही राज्य निर्वाचन आयोग के नियमों और शर्तों को पूरा कर दें। इसके अभाव में जमानत की धनराशि वापस नहीं मिलेगी।

क्या करना होगा प्रत्याशियों को

गौतमबुद्ध नगर जिले की अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) और उप जिला निर्वाचन अधिकारी वन्दिता श्रीवास्तव ने स्थानीय शहरी निकाय के अध्यक्ष और पार्षद पदों का चुनाव लड़े लोगों को जानकारी दी है कि प्रत्याशियों द्वारा जमा कराई गई जमानत धनराशि की वापसी के लिए कई शर्तों और नियमों का पालन करना होगा।

ये नियम और शर्तें

उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले किसी भी प्रत्याशी की जमानत धनराशि, तब तक वापस नहीं की जाएगी जब तक कि वह संबंधित निर्वाचन में किए गए खर्च का पूरा विवरण, निर्धारित प्रारूप पर  निर्वाचन परिणाम की घोषणा तिथि 13 मई से तीन माह के अन्दर दाखिल न कर दिया गया हो, और फिर जमानत राशि की वापसी का प्रार्थना पत्र भी इसी अवधि में ही न दे दिया गया हो।

उन्होंने बताया कि जिन प्रत्याशियों ने तीन माह की अवधि में निर्वाचन का पूरा व्यय विवरण जमा कर, जमानत धनराशि वापसी के लिए प्रार्थना पत्र जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत एवं नगरीय निकाय) गौतमबुद्धनगर में नहीं किया तो उनकी जमानत धनराशि जब्त कर ली जाएगी।

20 फीसद से कम वालों को नहीं मिलेगी राशि

उन्होंने  बताया कि उस प्रत्याशी की जमानत धनराशि वापस नहीं की जाएगी, जिसने मतदान में पड़े कुल वैध मतों के 1/5 अंश अर्थात 20 प्रतिशत से कम मत प्राप्त किया हो, किन्तु निर्वाचित घोषित हुए प्रत्याशी पर वैध मतों के 1/5 अंश अर्थात 20 प्रतिशत से कम का कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा।  यदि कोई प्रत्याशी एक से अधिक पदों पर चुनाव लड़ता है और व उन सभा या कुछ पदों पर निर्वाचित घोषित होता है या उन सभी पदों के निर्वाचन में अलग-अलग पड़े वैध मतों के 1/5 अंश या उससे अधिक मत प्राप्त करता है तो उस स्थिति में उसके द्वारा जमा की गई ऐसी सभी जमानत धनराशि वापस कर दी जाएगी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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