चेतावनीः आरटीई के तहत चुने गए गरीब बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी नहीं करें निजी स्कूल
प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में अपर जिलाधिकारी ने दी कड़ी चेतावनी, कहा-स्कूल की मान्यता की जा सकती है रद भी
ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले की अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व वंदिता श्रीवास्तव ने जिले के निजी स्कूलों को कड़ी चेतावनी दी है कि वे शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश देने में आनाकानी और देरी नहीं करें। ऐसा करने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। यहां तक कि स्कूल की मान्यता रद करने की भी कार्यवाही की जा सकती है।
दाखिलों की हुई समीक्षा
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव आज बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में निजी स्कूलों के प्रबंधकों के साथ आयोजित बैठक की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। कई जिले के विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य शामिल थे। उन्होंने बैठक में शिक्षा का अधिकार के तहत चुने गए बच्चों के दाखिले की समीक्षा भी की।
नहीं बरतें शिथिलता
अपर जिलाधिकारी ने बैठक मे कहा कि निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत चुने गए बच्चों का अपने स्कूलों में दाखिला लेने में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतें। क्योंकि मुख्यमंत्री के हृदय से जुड़ी योजना है। उनकी स्पष्ट मंशा है कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहे। इसलिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अपने स्कूलों में पात्र बच्चों के दाखिला जरूर दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा लाटरी के जरिये जिन गरीब बच्चों की सूची स्कूलों को भेजी गई है, उनका प्राथमिकता के आधार पर दाखिला दें। यदि उनके आवेदन में किसी भी प्रकार की कोई कमी है, तो तत्काल निस्तारण कराने के लिए विस्तृत रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय को भेजें। इससे उस प्रकरण की जांच कर उस पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी निजी स्कूल द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को दाखिला देने में शिथिलता बरतने की कोई यदि शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूल के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की मान्यता रद करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
ये अधिकारी थे मौजूद
बैठक का संचालन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने किया। बैठक में विभिन्न निजी स्कूलों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य शामिल थे।
फीस नहीं लौटाने पर हुई थी कार्रवाई
गौरतलब है कि इससे पहले निजी स्कूलों द्वारा कोरोन काल के दौरान विद्यार्थियों अभिभावकों से वसूले गए फीस का 15 प्रतिशत वापस नहीं करने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कई स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना का जुर्माना लगाया था। इस कार्रवाई क बाद कई स्कूल 15 प्रतिशत फीस लौटाने को राजी हुए। 15 प्रतिशत फीस लौटाने का आदेश हाईकोर्ट दे चुका है। इस शासनादेश भी जारी हो चुका है फिर भी निजी स्कूल फीस लौटाने के मामले में चुप्पी साधे हुए थे। जिलाधिकारी की जुर्माना लगाने की कार्रवाई पर अभिभावकों ने खुशी जताई थी।