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अबाध गति से बिजली की आपूर्ति कब होगी

हवेलिया वलेन्सिआ होम्ज़ के निवासियों ने एनपीसीएल के अधिकारियों से पूछा

नोएडा। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर एक स्थित हवेलिया वलेन्सिआ होम्ज़ के निवासी एनपीसीएल (राष्ट्रीय भुगतान निगम लिमिटेड) की कार्य प्रणाली से बहद परेशान और हताश हो गए हैं। वे पिछले एक साल से बिजली अबाध आपूर्ति की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्य एनपीसील नहीं किया है। एनपीसीएल के अधिकारियों का रटा-रटाया जवाब आ जाता है।

यहां के निवासी राहुल गर्ग बताते हैं कि एनपीसीएल से कोई पूछने-देखने वाला नहीं है कि बिजली की अबाध आपूर्ति क्यों नहीं हो रही है। जबकि हम बिजली के लिए अग्रिम भुगतान कर दिन-रात इनका मुँह ताकतें रहते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनो से एनपीसीएल की कार्यप्रणाली के कारण ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों का जीवन नरक बना हुआ है।  बिजली की आंख-मिचौनी जारी है। लो-वोल्टेज से इस भीषण गर्मी में लोगों का हाल बेहाल है। लो वोल्टेज के कारण बिजली के उपकरण काम नहीं करते। बिजली रहना और नहीं रहना बराबर हो जाता है।

इस बावत एनपीसीएल के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ सारा दोष यूपीपीटीसीएल, लखनऊ पर डाल रहे हैं।

इन दोनों के बीच हम वलेन्सिआ होम्ज़ के  निवासी पिस रहे हैं। बिल्डर को हम 29.42+टैक्स प्रति यूनिट डीजी शुल्क के रूप में भर रहें हैं। वह भी अड्वान्स में।

उन्होंने जानना चाहा कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा?, इसका कोई अंत भी होगा या नहीं। क्या 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए काम-धंधा, नौकरी छोड़कर सड़क पर बैठना ही एक मात्र उपाय रह गया है?  कोई है सुनने और देखने वाला?

यहां के निवासियों का कहना है कि इन सब परेशानियों के कारण हमारी जेब पर मोटी चपत लगाई जा रही है। डीजी शुल्क के रूप में क्योंकि रोज़ाना 3-5 घंटे निवासी पावर बैकअप पर रहते हैं जिसका बिल्डर एवं उनकी नियुक्त की हुई मेटेंनंस टीम मोटा शुल्क वसूल रही है वह भी जीएसटी के साथ।

गर्ग ने एक और परेशानी की ओर आकर्षित किया है। उनका कहना है कि बिजली अधिनियम 2003 और नियमों के तहत, यूपीईआरसी ने बिल्डर को व्यक्तिगत उपभोक्ताओं से प्राप्त राशि और एनपीसीएल को भुगतान की गई राशि की अर्धवार्षिक आधार पर विस्तृत गणना की एक प्रति साझा करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, बिल्डर को एक सीए से अनिवार्य रूप से लेखा परीक्षा की व्यवस्था करनी है और उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए गए वित्तीय वर्ष के लेखा परीक्षित खातों, बिजली शुल्क की शुद्धता का आकलन करने के लिए उपभोक्ताओं को सॉफ्ट या हार्ड कॉपी में उपलब्ध नहीं कराए गए बिजली खपत बिलों के अलावा, एनपीसीएल को दी गई राशि की तुलना में इस खाते पर बिल्डर द्वारा सोसायटी से किए गए कुल संग्रह के लिए कोई जवाबदेही नहीं है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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