योग केवल तन को ही नहीं बल्कि मन को भी रखता है स्वस्थ
योगाभ्यास कार्यक्रम में महिलाओं के साथ ही बच्चों और पुरुषों ने की भागीदारी
नोएडा। स्वैग सुपर वोमेन एथलीट्स समूह की की सदस्यों ने बच्चों समेत सप्ताहंत में शुरू होने वाले योग सप्ताह में योग उत्सव की शुरुआत की। इसे बड़ी ही जिंदादिली और उत्साह के साथ करें योग, रहें निरोग वाले भाव से मनाया।
अच्छे स्वास्थ्य से प्रेरित होकर महिलाओं के साथ पुरुषों एवं बच्चों ने भी योगाभ्यास कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। एक सौ अधिक लोगों ने योगाभ्यास के कार्यक्रमों में भागीदारी की। योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन रविवार को गौर सिटी डी- कैथलॉन में किया गया ।
योगाभ्यास जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेकर बच्चों की खुशी उनके चेहरे पर देखने लायक थी। डी कैथलॉन के अंतर्गत स्वैग सुपर वोमेन एथलीट्स समूह और प्लेइस्तान स्पोर्ट्स समूह के मुख्य आशुतोष मिश्र ने स्वस्थ भारत के निर्माण की ओर कदम बढ़ाया है। प्लेइस्तान स्पोर्ट्स का उद्देश्य खेलों को हर घर, हर उम्र, हर वर्ग, हर स्थान तक पहुँचाना है। खेलों को हर जीवन का हिस्सा बनाना हैं। प्लेइस्तान स्पोर्ट्स खिलाड़ियों को उचित मार्गदर्शन देकर उनके प्रतिभा को निखारतें है और उनके सपनों को सच करने में मदद करते है।
स्वैग समूह की अध्यक्ष भावना गौर ने योगाभ्यास के दौरान लोगों का मनोबल बढ़ाया और कहा कि योग कोई धर्म नहीं, बल्कि जीने की कला है। इसका सम्बन्ध स्वस्थ तन और सुंदर मन से है। कार्यक्रम को में लोगों को उत्साहित करने के लिए डी कैथलॉन के सहयोगी रबी मिश्र ने कहा कि आज युवा पीढ़ी पाश्चात्य देशों का अनुशरण कर रही है। विदेशी खानपान का चलन लोगों में तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके कारण अन्य बीमारियाँ उतपन्न हो रही हैं। इस पर काबू पाने के लिए हमे निरन्तर योग अभ्यास करना चाहिए। योग से शरीर को ऊर्जा मिलती है तथा शरीर को लचीलापन प्रदान करता है । योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।
भारत की प्राचीन परम्पराओं में से योग भी एक अमूल्य उपहार है। यह करीब पांच हजार साल पुरानी परंपरा है।
योग गुरु ललित विष्ट की अगुआई में सुचारु रूप से योग का संचालन हुआ। जिसमें ललित विष्ट ने होने वाले हर योग का महत्व और उद्देश्य समझाया।
कार्यक्रम की शुरुआत योग गुरु ललित बिष्ट ने सर्वप्रथम माँ सरस्वती की वंदनाकर योग के लाभ के विषय पर प्रकाश डाला। योग की जीवन मे अहमियत समझाई। उन्होंने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, योगासन, वज्रासन, पद्मासन, मंत्रोच्चार, मयूरासन, अनुलोम विलोम, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी और योग और स्वास्थ्य से सम्बन्ध्ति अन्य विन्दुओं पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर लोगों में योग सीखने की ललक और उत्सुकता देखते बन रही थी। योग की समाप्ति के बाद महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बैजेज व सर्टिफिकेट बांटे गए। फिर जलपान कराया गया।
योगा दिवस के अवसर पर 21 जून को सुबह 6 बजे से 7 बजे तक योग कार्यक्रम आयोजित होगा। योग प्रशिक्षक ललित विष्ट ने बताया कि योग से नैतिकता का विकास होता है और मन, तन एकाग्र रहता है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को 21 जून (योग दिवस) को और अधिक मात्रा में एकता का प्रदर्शन करते हुए जागरूक होकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी । ताकि सुखी भारत निरोग भारत को कामयाब बना सकें।