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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरलखनऊ

दिव्यांगजनो का सहारा बनी योगी सरकार

अगले दो सालों में हर संसदीय क्षेत्र के सौ को मिलेगी मोटराज्ड ट्राईसाइकिल

लखनऊ। दिव्यांगजनो का सहारा बनी योगी सरकार अगले दो वर्षों में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के सौ दिव्यांगजनो को मोटराइज्ड ट्राईसाकिल देकर उनकी दिनचर्या को आसान बनाएगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में शुरू की गई मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना के तहत 1500 से अधिक की स्वीकृति दी जा चुकी हैं। कृत्रिम अंग खरीदने पर दिव्यांगजनो को अनुदान की दर में पहले ही इजाफा कर चुकी प्रदेश सरकार आगामी दो सालों में प्रति लाभार्थी अनुदान को बढ़ाकर 15 हजार रूपये करने (प्रस्तावित) करने जा रही है। इसके अलावा दिव्यांगजनो के कल्याणार्थ पालनहार और पेंशन योजना भी प्रस्तावित है।

विकास के साथ ही योगी सरकार सामाजिक सुरक्षा को संकल्पित है। राष्ट्रीय व राज्य-स्तरीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का ही नतीजा है कि प्रदेश की  आबादी के बड़े वर्ग का जीवन स्तर आसान हुआ है । इन पांच सालों में सरकार ने दिव्यांगजनों के उत्थान और उनकी जिंदगी को आसान बनाने की दिशा में नई योजनाएं शुरू की हैं तो पुरानी स्कीमों में मिलने वाली सुविधाओं में खासा सुधार कर धनराशि में इजाफा किया है।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की योजनाओं का उद्देश्य ही  दिव्यांगजनों के लिए समावेशी समाज का निर्माण करना है ताकि उनका सामाजिक व आर्थिक पुनर्वास किया जा सके।

11 लाख से अधिक को मिल रहा 1000 रूपये अनुदान

दिव्यांगजन भरण पोषण अनुदान योजना  के तहत मिलने वाले अनुदान में तीन गुने से अधिक वृद्धि कर योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को बड़ी राहत दी है। मार्च 2017 के पहले अनुदान राशि महज 300 रुपये थी । सरकार ने इसे  बढ़ाकर पहले 500 रुपये और दिसम्बर 2021 में फिर इजाफा कर इसे 1000 कर दिया गया है । इसी का नतीजा है कि लाभार्थी संख्या 2016-17 में जो 8 लाख 75 हजार 992 थी, वह 2021-22 में बढ़ कर 11 लाख 26 हजार 670 हो गई। इसी क्रम में कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण योजना के अनुदान में योगी सरकार ने भारी इजाफा कर फरवरी 2019 में 800 से 10,000 कर दिया । गया।  वर्ष 2029 में कुल लाभार्थी 27 हजार 887 थे, जो 2021-22 में बढ़कर 42 हजार 184 हो गये। पिछले 5 वर्षों में कुल लाभार्थियों की संख्या 2 लाख 56 हजार 165 थी। अगले 2 वर्षों में प्रति लाभार्थी अनुदान को बढ़ा कर रु 15,000 किया जाना प्रस्तावित है।

योगी सरकार ने शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना की पुरस्कार राशि में भी डेढ़ गुने से अधिक की बढ़ोत्तरी की है । जून 2017 के पहले पति -पत्नी दोनों दिव्यांग होने पर पर पुरस्कार राशि रु 20,000  मिलती थी । भाजपा सरकार ने जून 2017 के बाद इसे बढ़ाकर 35,000 कर दिया।  इसी तरह दिव्यांगजनो को जुलाई 2017 से पहले केवल उत्तर प्रदेश में निशुल्क बस यात्रा की सुविधा थी । जुलाई 2017 के बाद इसे अंतिम गंतव्य स्थल तक बढ़ा दिया गया, चाहे वह राज्य की सीमा से बाहर ही क्यों न हो ।

दिव्यांगजनो को हाथ से चलने  वाले ट्राईसाइकिल से आ रही परेशानियों को देखते हुए योगी सरकार ने वर्ष 2021-22 में मोटराइज़्ड ट्राईसाइकिल योजना की शुरुआत की । इसके तहत 1507 स्वीकृति दी गयी ।  सरकार ने निर्णय लिया है कि आगामी 2 वर्षों में प्रदेश के प्रत्येक लोक सभा क्षेत्र में 100 दिव्यांगजन को मोटराईज्ड ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराएगी।

दिव्यांगजनो के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएं भी प्रस्तावित है । इनमें प्रस्तावित पालनहार योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के दिव्यांगजन को अधिकतम 18 वर्ष की आयु तक पालन पोषण करेगी। लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादे के अनुरूप प्रस्तावित दिव्यांग पेंशन योजना के तहत अनुदान की दर रु 1000 प्रति माह से बढ़ाकर रु 1500 प्रतिमाह प्रति व्यक्ति किया जाएगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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