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लिया जायजाः लखनऊ कोर्ट में शूटआउट का गौतमबुद्ध नगर पर असर

उच्चपुलिस अधिकारियों ने डॉग स्क्वॉयड, बम डिस्पोजल, क्यूआरटी आदि के साथ न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा

ग्रेटर नोएडा। लखनऊ के कोर्ट रूम को बाहुबली पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर पर गोली मारकर हत्या का असर यहां गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत पर भी पड़ा। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर यहां पुलिस के उच्च अधिकारियों ने विभिन्न टीमों के साथ अदालतों की सुरक्षा व्यस्था का जायजा लिया।

कई टीम लगी थी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने में

गौतमबुद्धनगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर में सूरजपुर स्थित न्यायालय की सुरक्षा के लिए डीसीपी मुख्यालय विशाल पांडेय ने एसीपी-3 सेंटल नोएडा सुमित शुक्ल, आरआई पुलिस लाइन, थाना प्रभारी सूरजपुर, बम डिस्पोजल टीम, डॉग स्क्वॉयड टीम, क्यूआरटी और पिनाक कमांडो के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान न्यायालय परिसर में आने-जाने वाले लोगों की कड़ी चेकिंग की गई। उनके द्वारा लाए गए सामानों की कड़ी जांच की गई। अदालतों में पेशी पर आए अपराधियों की सुरक्षा के बारे में न्यायालय में लगे सुरक्षाकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।

सीसीटीवी की स्थिति भी जांची गई

डीसीपी मुख्यालय विशाल पांडेय ने बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष कालूराम चौधरी और एसोसिएशन के सचिव नीरज तंवर के साथ न्यायालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षा उपकरणों की भी जांच की। न्यायालय की सुरक्षा में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को न्यायालय की सुरक्षा के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के उन्होंने निर्देश भी दिए।

6 पुलिसकर्मी सस्पेंड

उधर, लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार जीवा के लखनऊ कोर्ट रूम शूटआउट मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान नामजद अपराधी की हत्या हो जाने के बाद विपक्ष के सरकार को घेराव किए जाने के बाद गृह विभाग ने जारी अधिकारिक बयान में कहा है कि कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान हाई प्रोफाइल गैंगस्टर्स से मिलने वालों पर विशेष नजर रखी जाए। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी अंजान लोगों को किसी भी अपराधी के पास अदालत और जेल में नहीं फटकने दें।

न्यायालय परिसर में हथियार ले जाने पर रोक

गृह विभाग ने उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि किसी भी न्यायालय परिसर में किसी भी व्यक्ति को शस्त्र लेकर प्रवेश नहीं करने के आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए।

सभी जिलों के कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कोर्ट की सुरक्षा के लिए 71 सुरक्षा प्रभारी इंस्पेक्टर, 22 इंस्पेक्टर, 240 सब इंस्पेक्टर, 522 कांस्टेबल और 1772 हेड कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। इसी के साथ ही सभी कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त क्यूआरटी टीमें लगाई गई हैं। इनमें 60 उपनिरीक्षक, 112 हेड कान्स्टेबल और 256 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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