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विवादः जी न्यूज के ऐंकर रोहित को अपनी कस्टडी में लेने सेक्टर 20 थाने गई पुलिस

रोहित के जमानत की जानकारी उत्तर प्रदेश की पुलिस ने छत्तीसगढ़ की पुलिस को दी

नोएडा। जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को अपनी कस्टडी में लेने के लिए छत्तीसगढ़ की पुलिस बुधवार को यहां सेक्टर-20 थाने में पहुंची। उसने नोएडा पुलिस को लिखित में अपने (छत्तीसगढ़ पुलिस) यहां आने की सूचना दे दी। छत्तीसगढ़ पुलिस का जी न्यूज के कार्यालय में भी पहुंचने का कार्यक्रम है। फिलहाल अभी पहुंची नहीं थी।

 

जी न्यूज के डीएनए कार्यक्रम में ऐंकर रोहित रंजन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी की थी। इस मामले को कांग्रेस नेताओं ने काफी तूल दे दिया। कांग्रेस के नेताओं ने इसके विरोध में रोहित रंजन के खिलाफ छत्तीसगड़ में एफआईआर दर्ज करा दी थी। चूंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, इसलिए रोहित रंजन के खिलाफ दर्ज एफआईआर को गंभीरता से लिया गया। वहां की पुलिस रंजन को गिरफ्तार करने गाजियाबाद स्थित उनके आवास पर उस समय पहुंच गई जब पूरा परिवार सो रहा था।

छत्तीसगढ़ पुलिस की पुलिस ने खुद के यहां आने की सूचना उत्तर प्रदेश की पुलिस को नहीं दी थी और रोहित को गिऱफ्तार करने की कोशिश की। रोहित रंजन ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी कि बिना स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे गिरफ्तार करने के लिए खड़ी है। उन्होंने जानना चाहा था कि क्या ये कानून के अनुसार सही है। रोहित रंजन के ट्वीट पर गाजियाबाद पुलिस ने भी ट्वीट किया। गाजियाबाद पुलिस ने ट्वीट में लिखा था कि प्रकरण स्थानीय पुलिस के संज्ञान में है। थाना इंदिरापुरम पुलिस मौके पर है। नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

छत्तीसगढ़ की पुलिस सुबह पांच बजे के आसपास रोहित रंजन के इंदिरापुरम स्थित आवास पर पहुंच गई थी। रोहित रंजन की सोसाइटी के गार्ड ने पुलिसकर्मियों को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस से सुरक्षा गार्ड से गालीगलौज कर उसका मोबाइल फोन छीन लिया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के करीब डेढ़ दर्जन जवान सादी वर्दी में रोहित को गिरफ्तार करने उनके आवास पहुंच गए थे। जब पुलिस रोहित रंजन के घर पहुंची तो उस समय रोहित का परिवार सोया हुआ था। परिवार ने तब आरोप लगाया था कि पुलिस जबरन रोहित रंजन के ड्राइंग रूम में घुसी और घंटों वहां बैठी रही।

उधर, रोहित को नोएडा पुलिस अपने यहां लेकर आई। नोएडा पुलिस ने छत्तीसगढ़ को जानकारी दी थी कि रोहित की जमानत हो चुकी है। लेकिन छत्तीसगढ़ इस बात से इनकार कर रही थी नोएडा पुलिस ने रोहित के जमानत की बावत उसे कोई जानकारी नहीं दी थी। उसका कहना था कि हमें पुलिस के माध्यम से नहीं रोहित रंजन के जमानत की खबर नहीं मिली।

उधर, छत्तीसगढ़ की पुलिस की रवैये और उसकी जिद को देखकर रोहित रंजन ने शलभ मणि त्रिपाठी से मदद मांगी थी। वह वरिष्ठ पत्रकार रह चुके हैं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल से ही वे मुख्यमंत्री के करीबी रहे हैं। इस बार वे विधायक हैं। कहा जाता है उन्होंने इस मामले में मदद का भरोसा दिलाया था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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