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ग्रेटर नोएडा में मिले प्राचीन काल के सिक्के और गहने, खेत में खोदाई में मिले खजाने को ले गए ग्रामीण

ग्रेटर नोएडा (Federal Bharat news): ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र के राजपुर गांव में चल रही थी खोदाई में 20 किलो वजन के प्राचीन काल के सिक्के व गहने मिले हैं। यह सफेद धातु से निर्मित हैं। सिक्कों और गहनों के इस खजाने को देखकर ग्रामीण हतप्रभ हैं। सिक्कों पर कब्जा के लिए ग्रामीणों में एक तरह की लूट सी मच गई। पुरातत्व विभाग की टीम सूचना के बाद मौके पर पहुंच गई।
गांव प्रधान के खेत में मिला खजाना
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार रात को ग्राम प्रधान केली उर्फ कैलाश के खेत में जेसीबी से खोदाई हो रही थी। एक ग्रामीण निर्माणाधीन मकान के भराव के लिए खेत से मिट्टी उठवा रहा था। मिट्टी को ट्रेक्टर ट्रॉली में भरकर लाया जा रहा था। सुबह ग्रामीणों को रास्ते में मिट्टी के साथ कुछ सिक्के बिखरे मिले। इसके बाद जमीन पर सिक्के मिलने की खबर से गांव में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
तीन तरह के हैं सिक्के
ग्रामीणों को यहां सिक्के और सफेद धातु के आभूषण भी मिले हैं। उनका मानना है कि धातु की संरचना मुगल और ब्रिटिशशासन काल की है। बुधवार को सिक्कों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सिक्कों को काफी जूम करके इनकी डिजाइन को दिखाया गया है। इसमें तीन से चार तरह के कई सिक्कें दिख रहे हैं। हालांकि, अभी धातु और कितने किलों खजाना बरामद हुआ है, इस संदर्भ में जानकारी सामने नहीं आई है।
लोगों को याद आया जगह का इतिहास
सिक्के मिलने के बाद से गांव और आस-पास के क्षेत्रों में लोग इस जगह के इतिहास के बारे में बात कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर का इतिहास पैराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि बिसरख का संबंध त्रेता युग के रावण से है। मान्यता है कि रावण का जन्म इसी बिसरख क्षेत्र में हुआ था और दनकौर कस्बे का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा बताया जाता है। सुबूत के तौर पर लोग गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा द्रोण मंदिर को उदाहरण देते हैं।
मौके पर पहुंचा प्रशासन जांच में जुटा
सूचना के बाद बुधवार को प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुरातत्व विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई और सिक्कों को जमा किया जा रहा है। अब तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह सिक्के किस काल के हैं।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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