महिला शक्ति की कमान: गौतमबुद्ध नगर में सशक्त पुलिसिंग की नई पहचान !

Women’sDaySpecial : आज महिला दिवस पर बात उस शख्सियत की, जिसने न सिर्फ अपराधियों के होश उड़ा दिए बल्कि पूरे गौतमबुद्ध नगर को सुरक्षा का अहसास भी कराया।
गौतमबुद्ध नगर में अपराध पर लगाम लगाने और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में महिला आईपीएस और पुलिस अधिकारियों की अहम भूमिका है। ये अधिकारी न केवल अपराध पर सख्त हैं बल्कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समाज में जागरूकता फैलाने का काम भी कर रही हैं।
गौतमबुद्ध नगर की ‘लेडी सिंघम’ – IPS लक्ष्मी सिंह!
IPS लक्ष्मी सिंह, जो पुलिस कमिश्नर की भूमिका में अपराधियों के लिए खौफ और आम लोगों के लिए भरोसे का दूसरा नाम बन चुकी हैं।
जब से उन्होंने चार्ज संभाला, तब से सुरक्षा का नया पैमाना सेट कर दिया। बदमाशों की नकेल कसने से लेकर पुलिसिंग को हाई-लेवल तक ले जाने तक, उन्होंने हर स्तर पर बदलाव किया। चौराहों पर पुलिस की तैनाती, सुनसान इलाकों में गश्त, और भ्रष्टाचार पर सख्ती—यह सब उनकी रणनीति का हिस्सा है।
सबसे बड़ी बात, अब रात-बेरात बिना डर लोग सफर कर सकते हैं। महिलाएं, व्यापारी, उद्यमी—सभी बेखौफ होकर अपने काम में लगे हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि अब गौतमबुद्ध नगर सुरक्षित हाथों में है!
डीसीपी सुनीति: महिलाओं की सुरक्षा की मजबूत दीवार
डीसीपी सुनीति, जो पहले कई जिलों में पुलिस कप्तान रह चुकी हैं, फिलहाल डीसीपी महिला सुरक्षा के रूप में काम कर रही हैं। उनकी प्राथमिकता महिलाओं से जुड़े अपराधों पर अंकुश लगाना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। खासकर कामकाजी महिलाएं खुद को अब अधिक सुरक्षित महसूस कर रही हैं, क्योंकि सुनीति की अगुवाई में सुरक्षा के इंतजाम पहले से मजबूत हुए हैं।
डीसीपी प्रीति यादव: साइबर क्राइम की तेज़ तर्रार अफसर
डीसीपी प्रीति यादव वर्तमान में साइबर क्राइम की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में न केवल तेजी से कार्रवाई की बल्कि लोगों के करोड़ों रुपये भी बैंक खातों में वापस दिलवाए। उनकी सतर्कता और चुस्ती से साइबर अपराधियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
एसीपी ट्विंकल जैन: अपराधियों के लिए सख्त, जनता के लिए सहायक
नोएडा ज़ोन में एसीपी तृतीय के रूप में तैनात ट्विंकल जैन ने कई बड़े मामलों को हल करने में अहम भूमिका निभाई। हाल ही में ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने में उनकी सूझबूझ और टीमवर्क ने बड़ी सफलता दिलाई। जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान करना उनकी कार्यशैली की खासियत है।
एसीपी सौम्या सिंह: दादरी में कानून व्यवस्था की नई परिभाषा
दादरी में बढ़ते अपराधों को देखते हुए एसीपी सौम्या सिंह को वहां तैनात किया गया। उनकी सतर्कता और सख्त कार्रवाई के चलते अब बदमाशों में खौफ है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित निकालने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
एसीपी वर्णिका सिंह: क्राइम कंट्रोल में माहिर
गौतमबुद्ध नगर की एसीपी क्राइम के रूप में तैनात वर्णिका सिंह अपराध को खत्म करने की रणनीति बनाने में माहिर हैं। उनकी गहन सोच और योजनाओं से कई संगीन मामलों को सुलझाने में सफलता मिली है।
एसीपी दीक्षा सिंह: सक्रिय और तेजतर्रार पुलिस अधिकारी
सेंट्रल नोएडा जोन की एसीपी द्वितीय दीक्षा सिंह अपने क्षेत्र में थाना बिसरख और बादलपुर की देखरेख कर रही हैं। कई बड़े मामलों के खुलासे में उन्होंने बेहतरीन नेतृत्व दिखाया है।
संदीपा चौधरी: महिला थाने की सशक्त प्रहरी
महिला थाना प्रभारी संदीपा चौधरी महिलाओं को न केवल सुरक्षा का एहसास करवा रही हैं बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी जगा रही हैं। उनके नेतृत्व में हर शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाता है।
पारुल पुनिया: लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की महत्वपूर्ण कड़ी
गौतमबुद्ध नगर की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट प्रभारी पारुल पुनिया अपराध रोकथाम और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। छोटी से बड़ी सूचना समय रहते पुलिस प्रशासन तक पहुंचाने में उनकी भूमिका अहम रही है।
निष्कर्ष
गौतमबुद्ध नगर में इन महिला अधिकारियों की बदौलत अपराधियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और जनता खुद को पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही है। चाहे साइबर क्राइम हो, महिला सुरक्षा, लोकल इंटेलिजेंस या गंभीर आपराधिक मामले—इन महिला अधिकारियों ने हर मोर्चे पर अपनी काबिलियत साबित की है। उनकी सक्रियता और सख्ती ने गौतमबुद्ध नगर को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।
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