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पाकिस्तान पर अमेरिका की मेहरबानी: सीक्रेट डील का खुलासा ! 

नोएडा: हाल के दिनों में अमेरिका का पाकिस्तान पर अचानक से मेहरबान होना चर्चा का विषय बन गया है। हर कोई हैरान है कि आखिर अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रति इतना नरम रुख क्यों अपनाया है। इस बीच, एक रिपोर्ट ने इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है।

ट्रंप और पाक सेना प्रमुख के बीच सीक्रेट डील

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पर अमेरिका की मेहरबानी के पीछे डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर के बीच हुई एक सीक्रेट डील है। यह डील एक निजी अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी और पाकिस्तान की हाल ही में गठित क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुई है।

‘वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल’ का ट्रंप कनेक्शन

डील में शामिल कंपनी ‘वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल’ एक फिनटेक कंपनी है, जो क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन निवेश से संबंधित है। इस कंपनी में डोनाल्ड ट्रंप के बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर के साथ दामाद जैरेड कुश्नर की कुल 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अप्रैल में, इस कंपनी ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ एक लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए थे।

बिनांस के संस्थापक का नाम भी शामिल

दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने गठन के कुछ ही दिनों के भीतर बिनांस के संस्थापक चांगपेंग झाओ को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था। इससे इस नए संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीयता मिली।

आसीम मुनीर का दखल और बैठक

बताया जा रहा है कि इस डील को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका से एक उच्च स्तरीय टीम इस्लामाबाद पहुंची थी। इस टीम का नेतृत्व कंपनी के संस्थापक जैकरी विटकॉफ ने किया। विटकॉफ, ट्रंप के पुराने व्यावसायिक साझेदार हैं और अमेरिका के मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे हैं।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हुई बैठक का व्यक्तिगत रूप से स्वागत पाक सेना प्रमुख आसीम मुनीर ने किया। यह बैठक एक बंद कमरे में आयोजित हुई, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आसीम मुनीर दोनों मौजूद थे। बैठक के बाद इस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए।

डील की मुख्य शर्तें

वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल और पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुए समझौते के तहत कंपनी को पाकिस्तान के वित्तीय संस्थानों में ब्लॉकचेन तकनीक को एकीकृत करने की अनुमति दी गई है। इस समझौते के अनुसार, कंपनी पाकिस्तान के क्रिप्टो बाजार में तकनीकी सहायता और निवेश का प्रावधान करेगी।

क्यों है डील विवादों में?

इस डील के सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अमेरिकी फिनटेक कंपनी के साथ पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल का इतना त्वरित समझौता कैसे हुआ। इसके अलावा, इस डील में ट्रंप परिवार की भागीदारी और पाक सेना प्रमुख आसीम मुनीर की व्यक्तिगत भूमिका ने मामले को और भी पेचीदा बना दिया है।

जांच के घेरे में सौदा

डील में कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों की संलिप्तता के कारण अब यह मामला जांच के घेरे में आ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते से न केवल आर्थिक बल्कि भू-राजनीतिक प्रभाव भी हो सकते हैं। अमेरिकी और पाकिस्तानी अधिकारियों की संयुक्त बैठक और उसके बाद की गतिविधियां दोनों देशों के संबंधों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं।

 

Divya Gupta

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