DGP नियुक्ति पर संशय, प्रशांत कुमार या नया चेहरा?

नोएडा : उत्तर प्रदेश पुलिस को जल्द ही नया मुखिया मिलना है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार का कार्यकाल इस माह समाप्त हो रहा है। लेकिन फिलहाल पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं।
यूपीएससी को नहीं भेजा गया प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार, अब तक डीजीपी की नियुक्ति को लेकर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। अगर अब प्रस्ताव भेजा भी जाता है, तो उस पर अमल में कम से कम 10 दिन लग सकते हैं।
नियम तो बने, समिति अब तक नहीं बनी
राज्य सरकार ने पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी तो दी थी, लेकिन इसके तहत आवश्यक चयन समिति का गठन अब तक नहीं हो सका है।
पांचवीं बार कार्यवाहक डीजीपी की संभावना
इन स्थितियों को देखते हुए यह लगभग तय माना जा रहा है कि प्रदेश में लगातार पांचवीं बार कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी।
प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिल सकता है?
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने की संभावना पर भी चर्चा हो रही है। इससे पहले सुलखान सिंह को भी एक बार सेवा विस्तार मिल चुका है।
अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी रेस में
प्रशांत कुमार के अलावा 1990 बैच के डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री, डीजी टेलीकॉम डॉ. संजय तरडे, डीजी होमगार्ड्स बीके मौर्य, एमके बशाल और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तिलोत्तमा वर्मा भी संभावित नामों में शामिल हैं
राजीव कृष्ण और आलोक शर्मा भी दावेदार
1991 बैच के राजीव कृष्ण (वर्तमान में डीजी विजिलेंस) और आलोक शर्मा (केंद्र में डीजी, एसपीजी) को भी अगले डीजीपी के प्रबल दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है।
अब तक आठ डीजीपी बन चुके हैं
योगी आदित्यनाथ सरकार में अब तक कुल आठ डीजीपी बन चुके हैं। इनमें सुलखान सिंह, ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी और मुकुल गोयल पूर्णकालिक रहे, जबकि डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान, डॉ. आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात हुए
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश पुलिस को स्थायी नेतृत्व देने की प्रक्रिया एक बार फिर टलती दिख रही है। जब तक नियमों के तहत समिति का गठन और प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक कार्यवाहक व्यवस्था ही जारी रहने की संभावना सबसे अधिक है।