16 साल बाद मिली राहत: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 10 आवंटियों को दिलाया प्लॉट पर कब्जा

नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2 में लंबे समय से भूखंड पाने की उम्मीद लगाए बैठे 10 आवंटियों को आखिरकार राहत मिल गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई के बाद उन्हें 16 वर्षों के इंतजार के बाद अपने आवंटित प्लॉट पर कब्जा मिल गया।
अवैध कब्जा हटाकर दिलाया गया पजेशन
प्राधिकरण के परियोजना विभाग की वर्क सर्किल-2 टीम ने सोमवार को पतवाड़ी गांव स्थित खसरा संख्या 1150 में 10,000 वर्ग मीटर जमीन से अवैध कब्जा हटाकर यह कार्यवाही पूरी की। इस क्षेत्र में डी-ब्लॉक में आवंटियों को पहले ही प्लॉट आवंटित किए जा चुके थे, लेकिन अतिक्रमण के चलते पजेशन नहीं मिल पाया था।
5 घंटे चला बुलडोजर, 3 जेसीबी और 4 डंपर तैनात
कार्रवाई सुबह शुरू हुई और लगभग 5 घंटे तक चली। प्राधिकरण की टीम ने पुलिस बल की मदद से कब्जा हटवाया। इस दौरान 3 जेसीबी और 4 डंपर की मदद से अवैध निर्माण को ढहाया गया। यह जमीन पहले से अधिग्रहित थी, लेकिन उस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था।
100 करोड़ की जमीन मुक्त, रोड और ग्रीन बेल्ट का रास्ता साफ
बाजार दर के हिसाब से इस जमीन की कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इस कार्यवाही के बाद सेक्टर-2 की 9 मीटर और 18 मीटर चौड़ी सड़कों के निर्माण के साथ-साथ ग्रीन बेल्ट के विकास का रास्ता भी साफ हो गया है, जिससे इलाके के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सीईओ के निर्देश पर हुई कार्रवाई
आवंटियों की शिकायत पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एन.जी. रवि कुमार ने स्वयं संज्ञान लिया और शीघ्र पजेशन देने का आश्वासन दिया।
उनके निर्देश पर एसीईओ प्रेरणा सिंह की निगरानी में यह कार्रवाई की गई। मौके पर महाप्रबंधक एके सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार निम, विनोद कुमार शर्मा, प्रभात शंकर, राजीव मोटला सहित पूरी टीम मौजूद रही।
सख्त संदेश: अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त रुख
एसीईओ प्रेरणा सिंह ने स्पष्ट किया है कि प्राधिकरण की अधिसूचित या अधिग्रहित भूमि पर कोई भी अवैध निर्माण या कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिना अनुमति किसी भी तरह के निर्माण पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की इस कार्रवाई ने न सिर्फ वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे आवंटियों को उनका हक दिलाया, बल्कि भविष्य के लिए भी एक मजबूत संदेश दिया है कि अब अवैध कब्जे और निर्माण के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई जाएगी।