उत्तर प्रदेशलखनऊ

असामाजिक तत्वों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

दोषी एक भी न बचे, निर्दोष का उत्पीड़न नहीं होः मुख्यमंत्री 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में गठित उच्चस्तरीय टीम-9 को दिशा-निर्देश दिए। समय-समय वे टीम को दिशा-निर्देश देते रहते हैं। उन्होंने टीम-9 से कहा कि विभिन्न राज्यों में कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 1087 है। पिछले 24 घंटों में 96 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 236 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 152 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। जीनोम सिक्वेंसिंग के हालिया नतीजे बताते हैं कि प्रदेश में ओमिक्रोन वैरिएंट का ही संक्रमण है। यह स्थिति घबराने की नहीं, किंतु सतर्क और सचेत रहने की है।

उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषप्रद है। 33 करोड़ 21 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 18+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 94 प्रतिशत से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15-17 आयु वर्ग के 98.50 प्रतिशत किशोरों और 12 से 14 आयु वर्ग के 91.44 प्रतिशत से अधिक बच्चों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। पात्र लोगों को टीके की दूसरी खुराक समय से दिया जाए। 18+ आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी की अपेक्षा है। बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए।

उन्होंने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। जागरूकता प्रसार के प्रयासों में जनप्रतिनिधियों के भी सहयोग लिए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि युवाओं को निःशुल्क टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण का कार्य सुचारू रखा जाए। अब हमें अगले 5 वर्षों में दो करोड़ युवाओं को डिजिटल शक्ति से लैस करना है। बिना भेदभाव हर छात्र-छात्रा को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाए।

उन्होंने कहा कि विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न शहरों में माहौल बिगाड़ने के लिए हुए अराजक प्रयासों में शामिल समाज विरोधी तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। ऐसे असामाजिक लोगों के लिए सभ्य समाज मे कोई स्थान नहीं है। यह ध्यान रखें कि किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न न हो, लेकिन दोषी एक भी न बचे।

उन्होंने गास्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए। एक माह का विशेष अभियान चलाकर निर्विवाद वरासत के सभी मामलों में वरासत दर्ज कराएं। उत्तराधिकारियों को उनका हक यथाशीघ्र मिलना चाहिए। पैमाईश के लिये ई-फाइलिंग की व्यवस्था हो।

उन्होंने बाढ़ एवं अन्य आपदाओं की स्थिति में स्थापित राहत कैम्पों में रहने वाली महिलाओं/किशोरियों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। डिग्निटी किट में सैनेटरी पैड, साबुन, तौलिया, डिस्पोजे़बल बैग, बाल्टी, मास्क आदि शामिल हों।

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने के इच्छुक संस्थाओं को सरकार की ओर से सभी जरूरी सहयोग दिए जाएं। स्थापना संबंधी नियमों/अर्हताओं को यथासंभव सरल भी किया गया है। ऐसे प्रस्तावों को कतई लंबित न रखें।

उन्होंने कहा कि किसानों को खाद और उन्नतशील बीज की सहज उपलब्धता कराई जाए। ऐसे प्रयास होने चाहिए कि एक वर्ष बीज ले जाने वाला किसान अगले वर्ष स्वयं बीज उपलब्ध कराने में सहायक बने। इससे बीज की उपलब्धता बढ़ेगी और उस किसान की आय में भी बढोतरी होगी। इस सम्बंध में किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान हितैषी योजनाओं से एक भी पात्र किसान वंचित न रहे।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close