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प्रतिक्रियाः जमीनों की दरों में की गई वृद्धि को विकास विरोधी मान रहे लोग

नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड की वीरवार को हुई बैठक में नोएडा स्थित जमीन की दरों से 20 से 30 प्रतिशत वृद्धि का फैसला हुआ था

नोएडा। नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा जमीनों की दर में 20 से 30 प्रतिशत की गई वृद्धि को नोएडा स्थित विभिन्न सोसायटियों, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के ठीक नहीं माना है। उन्होंने प्राधिकरण से इस फिर से विचार करने का सुझाव दिया है।

शहर के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगाः जैन

प्रोग्रेसिव कम्यूनिटी फ़ाउंडेशन के डायरेक्टर सुशील कुमार जैन ने ने जमीनों की दर में की गई वृद्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्राधिकरण को सलाह दी है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड की बैठक में नोएडा की ज़मीनों की दर में 20% से 30 तक  की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर कोरोना महामारी से निकलकर अभी नोएडा में विकास की गतिविधियां शुरू हुई थी जिसमें लोग अपनी फ़ैक्ट्री लगाने, घर बनाने आदि के लिए नोएडा में आना शुरू हो रहे थे वहां इस तरह के 30 प्रतिशत दर बढ़ने से लोगों को अपने उद्योग स्थापित करने, घर बनाने आदि में अधिक निवेश करना होगा जो कि सीधा-सीधा भविष्य में शहर के विकास पर विपरीत प्रभाव डालेगा। जो विकास शहर में शुरू हो रहा था उस पर रोक लगेगी।

वृद्धि का लोग विरोध करेंगेःजोगिंदर सिंह

नोएडा सेकटर 120 आम्रपाली ZODIAC के अध्यक्ष ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा जमीनों के दर में जो बढ़ोतरी की गई है, यह नई बिक्री पर लागू होगी। इसका पुराने फ्लैट्स पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अभी नोएडा में कोई बहुत ज्यादा जमीन नहीं बची है जिसको बेचा जाए। यह बढे हुए रेट GH के प्लॉट्स पर लागू होंगे लेकिन बने हुए फ्लैट्स पर नहीं। एक दूसरी बड़ी राहत और दी गई है कि कोरोना के कारण छह महीने का और समय विस्तार दिया गया है। प्लॉट्स को कम्प्लीट करने के लिए इससे आम नोएडा निवासियों को बहुत लाभ मिलेगा। वैसे जो बढ़ोतरी की गई है, इस पर आम आदमी का विरोध जरूर आएगा। क्योंकि व्यापार और नौकरी दोनों मे बहुत गिरावट है। लोगों के पास पैसा ही नहीं है। तब खरीद फरोख्त पहले ही न के बराबर है। आज के हालात मे नोएडा विकास प्राधिकरण के इस निर्णय से नोयडा की प्रगति की स्पीड में गिरावट आने की संभावना है।

फैसले का नेफोवा विरोध करती हैः अभिषेक

नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण का ध्यान रजिस्ट्री की समस्या पर नहीं है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब एक लाख रजिस्ट्री अधर में है। कोरोना के बाद लोग अभी धीरे-धीरे रूटीन लाइफ में लौटे हैं।  इसलिए प्राधिकरण के फैसले का नेफोवा विरोध करती है।

प्राधिकरण का फैसला आम आदमी विरोधीः चकरेश

नोएडा प्राधिकरण के मामलों के जानकार चकरेश जैन ने कहा कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने कुछ समय पूर्व भी जमीन की दरों में इजाफा किया था। अब फिर से प्राधिकरण ने रेट बढ़ा दिए हैं। प्राधिकरण का यह फैसला आम आदमी विरोधी है।

क्या है मामला, क्यों विरोध कर रहे लोग

गौरतलब नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड की वीरवार को हुई बैठक में नोएडा की जमीन की दरों में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला लिया गया। इस वृद्धि करने वाले फैसले से लोग नाखुश हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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