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पहलः तीन साल बाद 165 फ्लैट खरीदारों को मिल सकेगा मालिकाना हक

सब लीजडीड पर हस्ताक्षर का मिलान न होने से आ रही थी अड़चन, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ की पहल पर बोर्ड ने दी मंजूरी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के 165 फ्लैट वं दुकान खरीदारों को सब लीजडीड कराने के लगभग तीन साल बाद सही मायने में अब अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल सकेगा। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्य पालक अधिकारी (सीईओ) की पहल पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इन संपत्तियों को रेगुलराइज करने की अनुमति प्रदान कर दी है। रेगुलराइज हो जाने से फ्लैट खरीदार अपनी संपत्ति को बंधक रखकर बैंक लोन प्राप्त कर सकेंगे।

वर्ष 2010 में आवंटित किए गए थे प्लाट

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 2010 में जियोटेक होम्स बिल्ड प्रा. लि को सेक्टर 16सी में और पैरामाउंट प्रॉप बिल्ड प्रा. लि. को सेक्टर-01 में प्लॉट आवंटित किया गया। जियोटेक होम्स में 438 फ्लैट व 13 दुकानों को और पैरामाउंट प्रॉप में 1716 फ्लैटों के सबलीज डीड की स्वीकृति प्रदान की गई। 2019-20 में जियोटेक जियोटेक होम्स ने 288 फ्लैटों व छह दुकानों की और पैरामाउंट प्रॉप ने 1270 फ्लैटों की सबलीज डीड करा ली। इनमें से जियोटेक होम्स के 51 फ्लैट व दो दुकानें और पैरामाउंट प्रॉप के 112 फ्लैटों की सबलीज डीड पर पेच फंस गया।

ये करना होता है, नहीं किया गया

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से आवंटित बिल्डर परियोजनाओं में बिल्डर, बायर व प्राधिकरण के बीच त्रिपक्षीय सबलीज डीड की जाती है और इसकी तीन प्रतियां प्राधिकरण के समक्ष प्रेषित की जाती हैं। इन पर प्रबंधक बिल्डर की साइन के बाद दो प्रतियां बिल्डर व खरीदार को उपलब्ध करा दी जाती  है और एक प्रति प्राधिकरण में रख दी जाती है। खरीदार को परमिशन टू मोर्टगेज देने के समय इसकी जरूरत पड़ती है। इन दोनों प्रकरणों में ऑफिस कॉपी प्राधिकरण में उपलब्ध नहीं पाई गई और जब खरीदारों ने मोर्टगेज परमिशन के लिए आवेदन किया तो उस समय की प्रबंधक (बिल्डर) ने सबलीज डीड पर अपने हस्ताक्षर से इंकार कर दिए, जिसके चलते इन रजिस्ट्रियों को त्रुटिपूर्ण मानते हुए बिल्डर कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई। इस बीच इन रजिस्ट्रियों को रेगुलराइज किए जाने के लिए खरीदारों की तरफ से लगातार कोशिश होती रही। खरीदारों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से मिलकर इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए गुहार लगाई। इसकी जांच कराने पर पता चला कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में इन संपत्तियों की सबलीज डीड पर प्रबंधक (बिल्डर) की तरफ से अधिकृत प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किए हैं। सीईओ की पहल पर इस प्रकरण को हाल ही में संपन्न ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड के समक्ष रखा गया। बोर्ड ने इन सबलीज डीड को रि-वैलिडेट कराते हुए रेगुलराइज करने की अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही बोर्ड ने तत्कालीन प्रबंधक के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक ऑडिट कराने और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इन संपत्तियों की सबलीज डीड को रेगुलराइज करने के  प्राधिकरण बोर्ड के फैसले से दोनों बिल्डर परियोजनाओं के 163 फ्लैट व दो दुकान खरीदारों को सही मायने में अपनी संपत्ति पर मालिकाना हक मिल सकेगा, जिस पर वे बैंक लोन भी प्राप्त कर सकेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी बिल्डर सौम्य श्रीवास्तव ने इसका कार्यालय आदेश शीघ्र जारी करने और इन सबलीज डीड को रि-वैलिडेट कर रेगुलराइज किए जाने की बात कही है।

क्या कहते हैं सीईओ

फ्लैट व दुकान खरीदारों की सहूलियत को देखते हुए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड ने जियोटेक होम्स व पैरामाउंट प्रॉपबिल्ड के 165 यूनिटों की सबलीज डीड को रि-वैलिडेट कर रेगुलराइज करने की अनुमति दे दी है। सबलीज डीड पर तत्कालीन प्रबंधक (बिल्डर) के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच जल्द कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।

सुरेन्द्र सिंह, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व मेरठ मंडलायुक्त

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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