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गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम पर की जा रही थी कबूतरबाजी, नोएड़ा पुलिस ने किया बड़े गैंग का पर्दाफाश

नोएडा : गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम कबूतरबाजी करने वाले गैंग का नोएडा पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गिरफ्तार किये गए गैंग के लोग विदेश भेजने के लिए फ़र्ज़ी आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड भी बनाते थे। पुलिस ने गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार कर 80 पासपोर्ट, 22 फर्जी आधार कार्ड, एक प्रिंटर, तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और चार लाख 24 हज़ार की नगदी बरामद की है।
बुधवार को थाना सेक्टर 20 पुलिस ने भोले-भाले मध्यम वर्गीय लोगों को गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा ठगने वाले सुधीर सिंह पुत्र रामजी सिंह निवासी ग्राम देवरिया थाना महाराजगंज जिला सिवान, बिहार और हमीद पुत्र करीम निवासी ग्राम धरमोली जिला महाराजगंज उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार किया है। अंकुर कुमार सिंह पुत्र अशोक सिंह निवासी देवरिया सहित कुल 15 व्यक्तियों ने इराक में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस ने जांच की तो बड़े रॉकेट का खुलासा हुआ।

कबूतरबाजी करने का ये तरीका 
नोएडा पुलिस के मुताबिक अपनी पहचान छिपा कर एक कार्यालय किराए पर लिया और अम्बा इन्टरप्राइजेस नाम से फर्जी कम्पनी तैयार की गई तथा GULF COURSE नाम से फेस-बुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर गल्फ देशों में जिनमें इराक, दुबई, बहरीन में नौकरी लगवाने का विज्ञापन प्रसारित किया जाता था । इस विज्ञापन को देखकर मध्यम वर्गीय गरीब परिवार के लोगअस्थाई कार्यालय में गैंग के सदस्यों से संपर्क करते है । इसके बाद गैंग द्वारा लोगों को कार्यालय बुलाकर गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम की फर्जी प्रक्रिया समझायी जाती थी । इस प्रक्रिया के तहत यह अपराधी आवेदनकर्ताओं से उनका पासपोर्ट ले लेते है तथा फर्जी वीजा एवं एयर लाइन्स के फर्जी टिकट तैयार किये जाते हैं । इसी दौरान पूर्व से निर्धारित योजना के मुताबिक आवेदनकर्ताओं का फर्जी चिकित्सीय परीक्षण भी कराया जाता है । इसी प्रक्रिया के दौरान अपराधी आवेदनकर्ताओं से करीब 65 हजार से एक लाख तक की धनराशि वसूल करते हैं । जब आवेदन करने वालों की संख्या अधिक हो जाती है तो ये सभी अपराधी अपना कार्यालय एवं मोबाइल फोन बन्द करके फरार हो जाते हैं तथा फिर अपना कार्यालय किसी अन्य जनपद एवं किसी राज्य में खोल कर पुनः धोखाधडी का कार्य प्रारंभ कर देते है ।

ऑफिस मालिक ने बिना वेरिफिकेशन दिया था ऑफिस
पुलिस की मुताबिक मालिक ने बिना वेरिफिकेशन की ऑफिस दिया। ऑफिस मालिक को भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए पुलिस बुला सकती है। पुलिस के मुताबिक सुधीर ग्रेजुएट एवं हमीद इण्टर पास है । सुधीर पूर्व मे दुबई में प्लम्बर की नौकरी के लिए गया था लेकिन लॉक डाउन में वापस लौट आया। यहाँ हल्दीराम कम्पनी में नौकरी की, उसके बाद कबूतरबाजी में शामिल हो गया । करीब 700 व्यक्तियों से पैसे ठगने की बात दोनों ने पुलिस के सामने कबूली है।

कबूतरबाजी के लिए 12 बैंक अकाउंट का कर रहे थे प्रयोग 
पुलिस के मुताबिक दोनों 12 बैंक एकाउंट का प्रयोग कर रहे थे। इन अपराधियों ने महेन्द्र मुखिया के नाम का बैंक एकाउंट का भी प्रयोग किया है , जिनकी मृत्यु हो चुकी है। पिछले पांच माह में तीन एकाउंट से करीब 60 लाख की धनराशि इनके द्वारा निकाली जा चुकी है।

कबूतरबाजी में ये भी शामिल 
मो0 फिरोज निवासी न्यू फ्रैडस कालोनी दिल्ली
वैद्यनाथ यादव पुत्र लालधर यादव नि0 ग्राम मदनपुर खादर दिल्ली
मुस्तकीम उर्फ समीर नि0 संगम विहार दिल्ली
डा0 दानिश नि0 न्यू फ्रैडस कालोनी दिल्ली
कुलदीप नि0 न्यू फ्रैडस कालोनी दिल्ली

बरामदगी का विवरण

80 पासपोर्ट
22 फर्जी आधार कार्ड
01 प्रिंटर
03 मोबाइल फोन
01 डेस्कटप, 01 सीपीयू
01 लैपटॉप
01 की-बोर्ड
04 लाख 24 हजार रूपये

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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